एक ऐसी महिला पुलिसकर्मी जिन्होंने सिमीत संसाधनों के साथ अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाया

एक ऐसी महिला पुलिसकर्मी जिन्होंने सिमीत संसाधनों के साथ अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाया

हमारे देश में महिलाओं को आज भी अपनी जगह बनाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन एक ऐसी भी महिला पुलिसकर्मी शोभा आहोतकर हैं जिन्होंने ना सिर्फ अपना नाम बनाया बल्कि अपने नाम का खौफ भी फैलाया। शोभा पहली महिला हैं जिनको बिहार की महिला महानिदेशक बनाया गया। शोभा ने अपने काम से और उनके काम करने के तरीके से खूब नाम कमाया लेकिन बहुत संघर्ष भी किया। शोभा ने हर पुलिसकर्मी को सिखाया कि कैसे सीमित संसाधनों से अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाई जाती है। 
शोभा आहोतकार 1990 की बिहार बैच की अईपीएस अधिकारी हैं, इनका नाम हमेशा ही सुर्खियां बटोरता रहा है। उन्होंने साल 2020 के आखिरी महीने में बिहार पुलिस की पहली महिला निदेशक की कमान संभाली थीं। उनको फायर ब्रिगेड का डीजी बनाया गया। शोभा ने अपने बारे में कई मौकों पर कहा है कि वह जन्म से मराठी, शिक्षा से हैदराबादी और दिल से बिहारी हैं। शोभा के पिता बलराम आहोतकार हैदराबाद में एक्साइज कमिश्नर थे, इसलिए उन्होंने प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन तक की पूरी पढ़ाई वहीं पर की है। इसके बाद उन्होंने साल 1989 में सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद से  पॉलिटिकल साइंस से MA किया था। इसके बाद ही वह UPSC की परीक्षा में बैठी और पहले ही अटेम्प्ट में परीक्षा पास कर ली थी। इनके पिता का भी बहुत बड़ा सपना था कि उनकी बेटी हर हाल में पुलिस सर्विस को ज्वाइन करे, चाहे उनको कैडर कोई भी मिले। शोभा को भारतीय पुलिस सेवा में आने के बाद बिहार कैडर मिला था।
शोभा की पहली फील्ड में पोस्टिंग पटना सिटी में बतौर ASP हुई थी, उस समय बिहार और झारखंड एक था, और अपराध का ग्राफ काफी ऊपर था। हत्या, डकैती, अपहरण और रंगदारी जैसी आपराधिक घटनाएं चरम सीमा पर थीं। उस समय आज के दौर की तरह टेक्निकल सर्विलांस का दौर नहीं था। पुलिस को ह्यूमन इंटेलिजेंस के जरिए ही काम करना पड़ता था। इसलिए शोभा अहोटकर की जिस भी जिले में SP बनकर जाती थीं, वहां के लोगों का विश्वास पहले जीतती थीं। शोभा का काम करने का तरीका बहुत अलग था, वह क्राइम कंट्रोल करने के लिए अपराधियों में खौफ पैदा कर देती थी। इस कारण ही उनक बिहार में दूसरा नाम 'हंटरवाली' पड़ा। अपराधियों ने उनका बहुत खौफ था और वह भी उनको हंटरवाली कहते थे। शोभा ने महाराष्ट्र में भी 7 साल तक काम किया है, इसके बाद वह 5 साल के लिए सेंट्रल डेप्यूटेशन पर भी रह चुकी हैं। उस समय वह एयर इंडिया में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सिक्योरिटी के पद पर तैनात रहीं। बिहार कैडर में वापस लौटने के बाद सरकार ने दिसंबर 2020 में शोभा अहोटकर को प्रमोशन कर DG बना दिया था। 
एक इंटरव्यू के दौरान शोभा ने कहा था कि वह हर जन्म में एक पुलिस ऑफिसर बनना चाहती हैं। उन्होंने कहा, एक महिला वर्दी में रहकर सोसायटी के लिए बहुत कुछ कर सकती है। मैं दरभंगा, हजारीबाग, छपरा, वैशाली, देवघर सहित 6 जिलों में बतौर SP रह चुकी हूं। मैंने हमेशा ही महिलाओं में आत्मविश्वास जगाने की कोशिश की है। जितनी अधिक महिलाएं पुलिस में आएंगी, महिलाओं को सुरक्षा देंगी। जब वह महाराष्ट्र में डेप्यूटेशन के दौरान एक कमिटी में थी तो उन्होंने महिला सुरक्षा के लिए हेल्पलाइन बनाई थी। वह ह्यूमन ट्रैफिकिंग की नोडल ऑफिसर भी रह चुकी हैं।