टेसी थॉमस हैं भारत की प्रथम मिसाइल वुमन, फाइटर जेट तेजस व अग्नि मिसाइल को कर चुकी हैं तैयार

टेसी थॉमस हैं भारत की प्रथम मिसाइल वुमन, फाइटर जेट तेजस व अग्नि मिसाइल को कर चुकी हैं तैयार

आज हम उस दौर में जी रहे है जहां हर कार्य करना मुमकिन है, लेकिन अभी भी ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां पर एक महिला का काम करना नामुमकिन माना जाता है लेकिन इस गलतफहमी को दूर करने वाली हैं साइंटिस्ट टेसी थॉमस, जिन्होंने अपनी काबिलियत से यह साफ कर दिया कि महिलाओं के लिए कुछ भी करना नामुमकिन नहीं है। वह आज कई महिलाओं और लड़कियों के लिए एक प्रेरणा हैं। हमने आज तक मिसाइल विकसित करने के क्षेत्र में कई महान पुरुषों के बारे में पढ़ा और सुना है, लेकिन अब इस काम में महिलाएं भी अपना हुनर साबित कर रही हैं और टेसी थॉमस  भारत की पहली महिला हैं जिन्होंने इसमें काम कर सफलता हासिल की है, और वर्तमान समय में भी देश की सुरक्षा के लिए मिसाइल का निर्माण कर रही हैं। 
टेसी थॉमस को मिसाइल वुमन और भारत की अग्निपुत्री के नाम से जाना जाता है, और यह नाम उनको दुश्मनों को परास्त करने वाले अग्नि मिसाइल के निर्माण के बाद मिले हैं। वह अपने इस कार्य में साल 1998 से लगी हुई हैं, और अब तक वह अग्नि - 2, अग्नि -3, अग्नि - 4, अग्नि - 5 की टीम का हिस्सा बन देश की सुरक्षा से जुड़ा एक सफल निरक्षण कर चुकी हैं। अग्नि - 5 मिसाइल की क्षमता की बात करे तो ये 5000 किलोमीटर तक जा कर दुश्मन के छक्के छुड़ा सकती है टेसी थॉमस के मिसाइल क्षेत्र में इस बेहतरीन कार्य के चलते उनके देश की सुरक्षा में बड़ा योगदान दिया है। 
बता दें कि इंटरकॉन्टिनेंचल बैलिस्टिक जैसी मिसाइल का नेतृत्व करने में शामिल दुनिया के बड़े वैज्ञानिको में  टेसी थॉमस का भी नाम है, इसके अलावा वह भारत की रक्षा का अहम हिस्सा फाइटर जेट तेजस को तैयार करने की टीम का हिस्सा भी रह चुकी हैं। 
टेसी थॉमस का जन्म, अप्रैल 1963 में केरल के अल्पपुझा अलप्पुझा प्रांत में, एक सीरियाई ईसाई परिवार में हुआ था, और उनके माता - पिता ने उनका यह नाम मदर टेरेसा से प्रभावित हो कर रखा था। जब वे 13 वर्ष की थीं तब उनके पिता को स्ट्रोक पड़ा जिस वजह से उनके शरीर के दांए भाग में पक्षाघात (लकवा) हो गया था। टेसी की माँ, जो कि अध्यापिका थीं, ने इस हादसे के बाद परिवार की देख-भाल की। टेसी की चार बहनें और एक भाई है, और इनके माता - पिता ने सारे बच्चों की पढ़ाई पर हमेशा बहुत ख्याल रखा जिसकी वजह से टेसी एक साइंटिस्ट बनी। उनकी मां हमेशा से ही उन्हें डॉक्टर बनाना चाहती थी, लेकिन उनकी रुचि हमेशा की गणित और साइंस में रही। वह अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता - पिता को देती हैं।
इनका बचपन थुम्बा राॅकेट स्टेशन के निकट बीता और प्रक्षेपास्त्रों में उनकी रुचि वहीं से पैदा हुई। इनकी प्रारंभिक शिक्षा सेंट माइकल हायर सेकेंडरी स्कूल व सेंट जोसेफ गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल में पूर्ण हुई व उनको 11 वीं और 12 वीं कक्षा में गणित में एक सौ प्रतिशत अंक मिले थे तो वहीं उन्होंने विज्ञान में भी निन्यानबे प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए थे। स्नातक की पढ़ाई उन्होंने त्रिशूर के सरकारी अभियंत्रिकी कॉलेज से पूर्ण की, और इस पढ़ाई को करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक से प्रति माह 100 रुपये का शिक्षा ऋण लिया था।
उन्होंने इंस्टिट्यूट ऑफ आरमामेंट टेक्नोलोजी, पुणे से एम॰ टेक किया है और डीआरडीओ के तहत मार्गदर्शन मिसाइल में ऑपरेशंस मैनेजमेंट में एमबीए और पीएचडी डिग्री हासिल की है। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि डीआरडीओ के इस कोर्स का विज्ञापन एक अखबार में देखा था और उन्होंने कभी भी डिफेंस में आने का नहीं सोचा था, यह इसको किस्मत की मेहरबानी मानती हैं। 
डॉ. टेसी थॉमस ने 1988 में डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) में शामिल हो गईं थी, जहां पर उन्होंने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के अधीन काम किया। उनको सबसे पहले नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि के डिजाइन और विकास विभाग में रखा गया था। अग्नि कार्यक्रम के लिए, टेसी की नियुक्ति खुद डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने की थी। 
टेसी 3,000 किमी की दूरी की अग्नि- 3 मिसाइल परियोजना की सहयोगी परियोजना निदेशक रह चुकी हैं। वह बतौर परियोजना निदेशक मिशन अग्नि - 4 में भी काम कर चुकी हैं, जिसका 2011 में सफल परीक्षण किया गया था। उनको 2009 में 5,000 किमी रेंज की अग्नि- 5 मिशन परियोजना के लिए निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था, और इस मिसाइल का 19 अप्रैल 2012 को सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। उनको 2018 में डीआरडीओ के एयरोनॉटिकल सिस्टम के महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। टेसी को इस क्षेत्र में सफल और आगे बढ़ने की प्रेरणा भारत के मिसाइल मैन ए पी जे अब्दुल कलम ने दी थी, इसलिए वह कलाम को अपने करियर का प्रेरणादायक इंसान और अपना गुरु मानती है। 
उनकी शादी भारतीय नौसेना में एक कमांडर सरोज कुमार से हुई है और उनका एक बेटा तेजस है।
टेसी को अभी तक कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं – उनको साल 2008 में आरडीओ वैज्ञानिक, 2011 और 2012 के लिए डीआरडीओ प्रदर्शन उत्कृष्टता पुरस्कार, 2009 में इंडिया टुडे महिलाओं का वर्ष, 2012 में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार, सीएनएन भी शामिल हैं। इसके अलावा उनको आईबीएन इंडियन ऑफ द ईयर 2012, 2016 में सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया पुरस्कार और साइंस एंड इंजीनियरिंग (महिला) में उत्कृष्ट महिला उपलब्धि पुरस्कार भी दिया गया है। 
वह भारतीय सेना में महिलाओं को युद्ध की भूमिका दिए जाने का पुरजोर समर्थन करती हैं, उनका मानना है कि यदि महिलाएं इतनी तत्परता से सेना में भूमिका निभा रही हैं तो वह युद्ध क्षेत्र में भी भूमिका निभा सकती हैं।