आगे कदम बढ़ायें, सफलता अवश्य मिलेगी

देश भर के 724 जिलाधिकारियों में से 50 का चयन आसान नहीं रहा। मानदंड कई थे और हरेक विषय पर खरा उतरने वाले दर्जनों। इस सर्वे ने कम से कम एक बात तो स्पष्ट कर दी। आज देश का तकरीबन हर जिला प्रगति के पथ पर अग्रसर है और हरेक जिलाधिकारी, चाहे वह किसी भी सर्विस के जरिये उस पद पर पहुंचा हो, पूरी लगन और निष्ठा से कार्यरत है। जिलाधिकारी बनना एक ऐसा स्वर्णिम अवसर है जो एक अधिकारी के जीवन में कुछ ही वर्षों के लिये आता है। इस दौरान सभी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और उदाहरण सेट करने की कोशिश में रहते हैं। ऐसे अधिकारी गिनती के हैं जिन्हें किसी कारणवश अपने कार्यों का सफल रिजल्ट नहीं मिल रहा हो, लेकिन उनकी भी भावनाएं स्पष्ट हैं। सर्वे में हमने पाया कई जिलाधिकारी अपने कार्यक्षेत्रों में प्रयोगात्मक कदम उठा रहे हैं जिनका परिणा। मीडिया अक्सर केवल सफल हो चुके प्रयोगों की ही चर्चा करता है, लेकिन हमें हर उस प्रयास की सराहना करनी चाहिये जो लोक कल्याण की नीयत से उठाये गये हैं।
सर्वे में कई ऐसे तथ्य सामने आये जिन्होंने प्रचलित मान्यताओं को बदल दिया। ऐसा माना जाता रहा था कि सिर्फ युवा अधिकारियों में उत्साह और जोश भरपूर होता है और वे उम्रदराज अधिकारियों से अपेक्षाकृत ज्यादा कार्य करते हैं। राज्य सेवा से आये कई जिलाधिकारियों ने इस धारणा को भी तोड़ दिया और अपने अनुभव व समझदारी को उत्साह के साथ जोड़कर आश्चर्यजनक परिणाम दिया है। हमने शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर सभी 724 जिलों के कलेक्टरों को परखा। संख्या अधिक थी इसलिये हमने 50 श्रेणियों में उन्हें बांट कर स्टेकहोल्ड, आधिकारिक रिकॉर्ड और मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर अंक बिठाये। इस सर्वे को निष्पक्ष और एरर फ्री रखने के लिए इसे कई स्तरों तक गु्प्त रखा गया और सभी चयनित अधिकारियों को परिणाम आने के बाद ही सूचित किया गया।
इक्का-दुक्का जिले ऐसे भी मिले जहां के मुखिया का या तो सर्वे के दौरान या उसके कुछ सप्ताह पहले ही तबादला हो गया। उनमें से कुछ अधिकारियों के पिछले उल्लेखनीय परफॉर्मेंस की वजह से उन्हें शामिल किया गया। सबसे संतोषजनक बात ये रही कि अधिकतर श्रेणियों में अव्वल आये जिलाधिकारी अपने प्रतियोगी से कुछ ही अंकों के फासले पर रहे। यानी द्वितीय या तृतीय, चतुर्थ आने वाले अधिकारी भी बेहतरीन कार्य कर रहे हैं और उन्हें लिस्ट में न आने पर निराश नहीं होना चाहिये। हम आशा करते हैं कि वे अगले साल तक उन मानदंडों को समझेंगे और उनपर अव्वल आने का प्रयत्न करेंगे। विकासवादी सोच के अधिकारी चाहे जिस पद पर रहें, प्रगति के पथ पर अग्रसर रहे हैं। उनसे अनुरोध है कि वे निरंतर आगे बढ़ते रहें। उन्हें सम्मान अवश्य मिलेगा।
हार्दिक शुभकामनाएं
जय हिंद