लोकप्रिय और करिश्माई राजनेता वीटी बलराम

लुक किसी साउथ इंडियन फिल्म स्टार सा, और लोकप्रियता भी उससे कम नहीं। वी टी बलराम एक ऐसे करिश्माई राजनेता हैं जिनकी एक आवाज पर उनके क्षेत्र की जनता मरने-मारने को तैयार हो जाती है। वे मई 2011 से लगातार दो बार थ्रीथाला निर्वाचन क्षेत्र के विधायक हैं।
वीटी बलराम का जन्म 1978 में केरल के पलक्कड़ जिले के थ्रीथाला के पास ओथलुर गांव में के. श्रीनारायणन और वी.एस. सरस्वती के यहां हुआ। वे पढ़ने-लिखने में काफी तेज थे और उन्होंने जवाहर नवोदय विद्यालय, पलक्कड़ से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने बीटेक करने के बाद कानून और मैनेजमेंट की डिग्री भी हासिल की। वे कॉलेज के दिनों से ही कैंपस की राजनीति से जुड़ गये और विश्वविद्यालय में कई पदों पर रहने के बाद युवा कांग्रेस के राज्य महासचिव चुने गये। शुरुआत से वे सेक्युलर राजनीति में सक्रिय रहे और हिंदुत्व के साथ-साथ कम्युनिस्ट विचारधाराओं के भी सख्त विरोधी रहे हैं। जरा एक नजर उनके राजनीतिक व सामाजिक सफर पर।
वी टी बलराम वर्ष 1997 में श्री कृष्णा कॉलेज, गुरुवायूर में यूनिवर्सिटी यूनियन काउंसलर के तौर पर चुने गये। वर्ष 1999 में कालीकट विश्वविद्यालय मंत्रिमंडल के सदस्य बने। वर्ष 2001 में गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, थ्रिशूर में यूनिवर्सिटी यूनियन काउंसलर चुने गये। वर्ष 2009 में वे युवा कांग्रेस में शामिल हो गये और पार्टी के राज्य सचिव और फिर राज्य महासचिव बने। वर्ष 2011 में कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने थ्रीथाला सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और निर्वाचित हुए। वर्ष 2016 वे फिर से उसी विधानसभा क्षेत्र के लिए चुने गए।
व्यक्तिगत जीवन में वी टी बलराम बेहद जमीन से जुड़े रहे हैं। उन्होंने अपने बेटे का दाखिला थ्रीथला के सरकारी स्कूल में करवाया हुआ है और घोषित कर रखा है कि उसके धर्म व जाति के विषय में न पूछा जाये। वैसे तो वे शाकाहारी हैं और करीब 19 वर्षों तक बिलकुल मांस नहीं खाया, लेकिन जब वर्ष 2017 में भारत में गोमांस प्रतिबंध लगा तो उसके खिलाफ प्रदर्शन करने के लिये उन्होंने अपने साथियों के साथ गोमांस खाते हुए वीडियो बनवा कर उसे बाकायदा सोशल मीडिया पर भी साझा किया। हाल ही में केरल के विवादास्पद मंत्री केटी जलील के इस्तीफे को लेकर हुए प्रदर्शन पर हुए लाठी चार्ज में जब वे घायल हो रहे थे तो उनके कार्यकर्ताओं ने उन्हे बचाने के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी। वी टी बलराम को वर्ष 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमन चांडी के हाथों इंटक का साक्षरता से जुड़ा अक्षरश्री अवॉर्ड प्राप्त हो चुका है। इसके अलावा वर्ष 2016 में उन्हें एशियानेट द्वारा कीर्ति मुद्रा अवॉर्ड भी दिया जा चुका है।
फेम इंडिया - एशिया पोस्ट "उम्दा विधायक सर्वे" में व्यक्तित्व, छवि, जनता से जुड़ाव, कार्यशैली, लोकप्रियता, विधानसभा में उपस्थिति और प्रश्न, बहस में भागीदारी, विधायक निधि का उपयोग व सामाजिक सहभागिता आदि 10 मुख्य मापदंडों पर किये गये सर्वे में वीटी बलराम को बाजीगर कैटगरी में प्रमुख स्थान पर पाया गया है।
सर्वे स्रोत - विभिन्न प्रश्नों पर विधानसभा क्षेत्रों की राय, विधायिका और मीडिया से जुड़े लोगों से स्टेक होल्ड सर्वे और विधानसभा से उपलब्ध डाटा के आधार पर।