साफ सुथरी छवि मजबूत इच्छाशक्ति से समपन्न अधिकारी हैं रामेश्वर प्रसाद गुप्ता
प्रशासनिक अधिकारी रामेश्वर प्रसाद गुप्ता देश के पर्यावरण सचिव हैं । मई 2020 में उन्हें पर्यावरण मंत्रालय में ये अहम जिम्मेदारी मिली । साफ-सुथरी छवि के रामेश्वर गुप्ता पर्यावरण की स्वच्छता को साइंटिफिक नजरिए से देखते हैं । रामेश्वर प्रसाद गुप्ता का जन्म 12 दिसंबर 1961 को उत्तर प्रदेश में हुआ। आईआईटी कानपुर से उन्होंने एयरोस्पेस में प्रथम श्रेणी में बीटेक की डिग्री हासिल की ।
युपीएससी की परीक्षामें बहेतरीन रैंक पाने की वजह से उन्हें 1987 बैच में गुजरात कैडर मिला। बतौर आईएएस अधिकारी उनकी ज्वाइनिंग 24 अगस्त 1987 को हुई। सितंबर 1993 में पहली बार रामेश्वर प्रसाद गुप्ता को डांग का कलक्टर बनाया गया। उन्होंने बड़ी जिम्मेदारी के साथ आम लोगों से सेवाएं की, जिससे उनके कार्य की जमकर तारीफ हुई। जुलाई 1994 में उन्हें गुजरात में शिक्षा विभाग का डिप्टी सेक्रेटरी बनाया गया। साल 2004-05 के दरम्यान उन्हें हायर एजुकेशन डिपारम्ट टें में कमिश्नर बनाया गया । इसके अलावा आईएएस अधिकारी रामेश्वर प्रसाद गुप्ता कई अहम पदों पर रहे , जैसे म्युनिसिपल कमिश्नर, डायरेक्टर लैंड रिफॉर्म, प्रिंसिपल सेक्रेटरी फूड एंड सिविल सप्लाइज , प्रिंसिपल सेक्रेटरी रवेने्यू एंड फाइनेंस, ज्वाइंट सेक्रेटरी कोलमाइंस और मिनिस्ट्री ऑफ माइनॉरिटी अफयर्स में मैनेजिंग डायरेक्टर रह। रामेश्वर प्रसाद गुप्ता वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन सचिव बनाए जाने से पहले नीति आयोग में विशेष सचिव रहे । 2017 से 19 तक नीति आयोग में उन्होंने पब्लिक एडमिस्ट्रशन के कार्य को दखा। उसके बाद नीति आयोग में विशेष सचिव के पद पर आर्थिक और सांख्यिकी के साथ प्लानिंग कार्य को बखूबी लागू किया । उनके उत्कृष्ट कार्य शैली को दखे ते हुए 2013 में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की विशष ट्रेनिंग के लिए अमेरिका भेजा गया था। ट्रेनिंग और प्रशासनिक अनुभव की वजह से उन्होंने सरकारी सिस्टम को आमलोगों के अनुकूल बनाने का काम किया।
उन्होंनेलैंड रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने और जमीन की सैटेलाइट इमेजिंग का काम भी करवाया। रामेश्वर प्रसाद गुप्ता प्रशासनिक कार्यों के मॉर्डन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के पक्षधर रहे हैं । पर्यावरण सचिव रामेश्वर प्रसाद गुप्ता पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर सरकारी की नीतियों को बढ़ावा देनेमें जुटे हैं ।