छोटी उम्र में ही लाखों की आस्था का केंद्र बनी जया
छोटी उम्र में ही लाखों की आस्था का केंद्र बनी जया

बहुत ही कम उम्र में जया किशोरी ने दुनिया को अध्यात्म और भक्ति के मार्ग पर ले जाने का जो अनोखा काम किया है उसकी मिसाल खोजना मुश्किल है. आज वह आध्यत्मिक गुरू बन चुकी हैं और उनके भक्त पूरे भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में फैले हुए हैं. लाखों की तादाद में लोग उन्हें आस्था और श्रद्धा जगाने का माध्यम मानने लगे हैं. जिस उम्र में बच्चे किताबों के पन्ने पलटना शुरू करते हैं, जया किशोरी हजारों की भीड़ के समाने गीता पर प्रवचन देती हैं. दुखी और असहाय महसूस करने वाले लोगों को नरसी, नानी बाई जैसी प्रेरक कथाओं के जरिये प्रेरणा देती हैं. ऐसा नहीं है कि कथा के चलते जया किशोरी ने पढ़ाई छोड़ दी है। वे आज भी समय निकाल कर पढ़ाई भी करती हैं. कथा करते-करते ही उन्होंने बी कॉम की पढ़ाई पूरी की है. उनकी मधुर वाणी सुनने के लिये लोग घंटों इंतजार करते हैं. उनकी कई एल्बम्स को भी लोगों ने हाथों-हाथ लिया है. खास बात यह है कि खुद अपनी नजरों में जया कोई साधु या संत नहीं हैं. वे स््वयं को केवल एक साधारण स्त्री मानती हैं, लेकिन लोगों के दिलों में उनका स्थान किसी देवी की तरह है. राजस्थान के सुजानगढ़ गाँव पैदा हुई जया एक गौड़ ब्राह्मण परिवार से हैं.
जया की स्कूली शिक्षा कोलकाता के महादेवी बिडला वर्ल्ड एकेडमी स्कूली से हुई. उनके घर में शुरू से ही भक्ति का माहौल रहा. इस मार्ग पर बढ़ने की प्रेरणा भी उन्हें इसी माहौल से मिली. जब वे केवल 6 साल की थी तब से भगवान कृष्ण के लिए जन्माष्टमी पर विशेष पूजा करती थी. इस छोटी से उम्र में ही उन्हें भगवान के प्रति उनका लगाव हुआ कि वे श्रीकृष्ण को अपना भाई-बंधु, मित्र सब कुछ मानने लगीं. जया ने 9 साल की उम्र में संस्कृत में लिंगाष्ठ्कम, शिव तांडव स्त्रोतम, रामाष्ठ्कम आदि कई स्त्रोतों को गाना शुरू कर दिया था. 10 साल की उम्र में जया ने सुन्दरकाण्ड गाकर लाखों भक्तों के दिलों में अपनी अलग जगह बना ली. जया किशोरी का जीवन बहुत ही सादा है. जिस उम्र में लड़कियां शौक श्रृंगार घूमना फिरना नाचना गाना पसंद करतीं है उस उम्र में वह भक्ति के रास्ते पर निकल पड़ी. जया अपनी कथा के दौरान इकट्ठा होने वाला धन गरीब और बेसहारा लोगों की मदद पर खर्च कर देती हैं. यह सारा धन नारायण सेवा ट्रस्ट में दे दिया जाता है, जहां अस्पताल में अपंग व्यक्तियों और बच्चों का मुफ्त इलाज होता है. नारायण सेवा ट्रस्ट गरीब बच्चों के लिए स्कूल और खाने पीने का भी प्रबंध करता है और गरीब महिलाओं की शादियाँ भी करता है.
यूथ आइकॉन " युवा" 2019 के इस सर्वे में फेम इंडिया मैगजीन – एशिया पोस्ट ने नॉमिनेशन में आये 300 नामों को विभिन्न मानदंडों पर कसा , जिसमें सर्वे में सामाजिक स्थिति, प्रतिष्ठा, देश की आर्थिक व राजनीतिक व्यवस्था पर प्रभाव, छवि, उद्देश्य और प्रयास जैसे दस मानदंडों को आधार बना कर किये गये स्टेकहोल्ड सर्वे में जया किशोरी प्रमुख स्थान पर हैं |