प्रशासनिक जवाबदेही के निर्वहन के लिए जाने जाते हैं जिलाधिकारी कुमार रवि

मल्टीनैशनल की नौकरी छोड़ कर आईएएस के जरिये जनसेवा में उतरे

प्रशासनिक जवाबदेही के निर्वहन के लिए जाने जाते हैं जिलाधिकारी कुमार रवि

बिहारशरीफ के एक सामान्य परिवार में जन्मे कुमार रवि के पिता बर्तन के व्यवसायी हैं और माता गृहणी थीं। वे पांच भाई बहनों में सबसे छोटे हैं। दो बच्चों के पिता कुमार रवि की पत्नी कुशल गृहणी है,  जिलाधिकारी के पद पर  जनता की बेहतरी की जिम्मेदारी के लिए वे हमेशा अपने पति के मनोबल को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। 

कुमार रवि बचपन से ही पढ़ने-लिखने में काफी अच्छे छात्र रहे हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई बिहार शरीफ के स्कूल में हुई, फिर तत्कालीन समय के प्रतिष्ठित नेतरहाट स्कूल में प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा उनका एडमिशन  हुआ। उन्होंने 10 वीं तक नेतरहाट में पढ़ाई की। इंटरमीडिएट की पढ़ाई उन्होंने पटना साइंस कालेज से की ।  कुमार रवि ने 1997-2001 बैच में आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की। 2001-2002 में मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर वीएलएसआई इंजीनियर काम किया। उन दिनों बिहार की हालत एक बेहद पिछड़े राज्य की थी। वे जब भी अपने घर जाते, वहां के लोगों को विभिन्न समस्याओं से जुझते हुए देखते।  मेहनत और आधुनिक सोच की वजह से वे हमेशा नया करने की इच्छा रखते हैं। उन्होंने 2002 में प्राईवेट सेक्टर छोड़कर  सिविल सेवा में जाने का निश्चय किया | यूपीएससी की परीक्षा में पहली बार 2003 में उन्हें इंडियन रेवन्यू सर्विस मिला। लेकिन वो इससे संतुष्ट नहीं थे लिहाजा दूसरी बार में कुमार रवि ने  यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा में बड़ी कामयाबी हासिल की और वर्ष 2005 में पूरे देश में 10वां स्थान लाने में सफल रहे, जिसके  बाद उन्हें गृह राज्य यानी बिहार कैडर आवंटित किया गया। 

2005 बैच के आईएएस कुमार रवि ने बेतिया में असिस्टेंट कलेक्टर के रुप में ज्वाइन किया। मुजफ्फरपुर में एसडीओ के तौर पर वे 2007-09 तक रहे, जहाँ उन्होंने कई बेहतरीन प्रशासनिक कार्य किया। मई 2009 में वे सुपौल के जिलाधिकारी बनाये गये, जहाँ उन्होंने बाल विकास परियोजना में धांधली करने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की। बाढ़ नियंत्रण और एन एच 57 को फोर-लेन के काम में तेज़ी लाने के साथ-साथ ही उन्होंने जिले में विधानसभा,पंचायत और  पैक्स का चुनाव कराया।  साथ ही दो सौ से ज़्यादा स्कूलों के लिए जमीन मुहैया का काम सफलता पूर्वक करवाया। जनवरी 2013 में कुमार रवि को दरभंगा का जिलाधिकारी बनाया गया। जहाँ उन्होंने आम लोगों को सरकारी परियोजनाओं से जोड़ने और ज्यादा से ज्यादा लोगो को लाभान्वित करवाने पर जोड़ दिया। कुमार रवि का बाढ़ नियंत्रण और सांप्रदायिक सौहार्द को जिला में कायम रखने का  प्रयास बेहद सराहनीय रहा। दरभंगा में उन्होंने इंडोर स्टेडियम के लंबित पड़े कार्य को पूरा करवाया। कुमार रवि को दरभंगा में निष्पक्ष लोकसभा और विधानसभा चुनाव करवाने के लिए ज़िला निर्वाचन पदाधिकारी, दरभंगा के रुप में वेस्ट इलेक्ट्रोरल अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया। कुमार रवि को दिसंबर 2015 में गया का जिलाधिकारी बनाया गया। गया में उन्होंने अपने दो साल के कार्यकाल में प्रशासनिक सुधार और स्वच्छता को तरजीह दी। पर्यटन स्थल होने की वजह से उन्होंने टूरिज्म के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया। इनके नेतृत्व में जिला प्रसाशन ने 2016 -17 में पितृपक्ष मेला, 2017 में दलाई लामा की अगुवाई में होने वाली काल चक्र पूजा को बेहद सफलतापूर्वक सम्पन्न करवाया। बतौर डीएम  गया, दरभंगा और सुपौल आदि जिलों में जनमानस के लिए उपलब्धता, सहकर्मियों के साथ सहयोगपूर्ण रवैया और जनप्रतिनिधियों से बेहतर तालमेल के साथ जिला के विकास के लिए इनकी चर्चा आज भी की जाती है।  

कुमार रवि की गिनती बेहद काबिल और अनुभवी जिलाधिकारियों में होती है । जानकारों की मानें तो इन्हें राज्य के मुख्यमंत्री ने इनकी कार्यकुशलता और शानदार गवर्नेंस की वजह से राजधानी पटना जैसे महत्वपूर्ण जिले के लिए चुना है। ये 1 जनवरी 2018 से पटना के जिलाधिकारी हैं।

कुमार रवि ने जिले में बेहतर कार्य संस्कृति स्थापित करने का सफल प्रयास किया है। सरकार की योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुँचाने से लेकर जिले में  स्वच्छता और अतिक्रमण मुक्त शहर बनाने की कोशिश में इनकी उत्कृष्ट कार्यशैली की सराहना की जाती है। कई कठिन परिस्थितियों का कुमार रवि ने जवाबदेह तरीके से निराकरण कर अपनी पहचान लोकप्रिय जिलाधिकारी के तौर पर स्थापित की है। पटना में उन्होंने प्रशासनिक सुधार और विकास के कार्य को नई गति दी है। पटना में जल जमाव, ग्रामीण इलाके में बाढ़, दुर्गा पूजा और छठ पूजा के दौरान भीड़ और घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था जैसे चुनौती पूर्ण कार्यों पर कुमार रवि ने जिला प्रशासन और आम लोगों की सहभागिता से सफलता पायी। कोरोना संकट में लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन उनकी पहली प्राथमिकता रही है। वे लोगों की जागरुकता के लिए विभिन्न क्षेत्र में जा कर प्रेरित करते हैं। कुमार रवि को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए भारत सरकार, बिहार सरकार और अन्य राष्ट्रीय संस्थानों द्वारा अनेक अवॉर्ड्स और सम्मान प्राप्त हैं  जिनमें 2019 में वूमन एंड चाइल्ड डेवल्पमेंट मिनिस्ट्री की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर नैशनल न्यूट्रिशन मिशन अवॉर्ड, 2018 में राज्यों में सबसे बेहतर राज्य के डीएम का अवॉर्ड , लोकसभा चुनाव 2019 में बेस्ट इलेक्ट्रोरल अवॉर्ड आदि प्रमुख हैं।

फेम इंडिया और एशिया पोस्ट द्वारा शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किए गए सर्वे में पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि ‘उत्कृष्ट’ श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।