योग्य श्रेणी में टॉप पर हैं पंजाब पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता

योग्य श्रेणी में टॉप पर हैं पंजाब पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता

योग्य श्रेणी में टॉप पर हैं पंजाब पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता

पंजाब पुलिस के प्रमुख दिनकर गुप्ता ऐसे योग्य आईपीएस अफसर हैं, जिनके नेतृत्व में पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान और अन्य विदेशी देशों में स्थित राष्ट्र-विरोधी और आतंकवादी तत्वों द्वारा प्रायोजित किए जा रहे 32 से अधिक आतंकवादी मॉड्यूलों का भंडाफोड़ किया और भारी मात्रा में  हथियारों, ड्रग्स, ड्रोन आदि को जब्त किया। वे अमेरिका की मशहूर जॉर्ज वाशिंगटन युनिवर्सिटी समेत कई कॉलेजों के विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे हैं। दो-दो वीरता पदकों से सम्मानित दिनकर गुप्ता की चर्चा " वन विलेज वन कॉप " जैसे प्रो पीपुल्स प्रयासों के लिए भी की जाती है। 22 मार्च 1964 को एक संभ्रांत परिवार में जन्मे दिनकर गुप्ता ने एमए तक की शिक्षा हासिल की है। 1987 बैच में दिनकर गुप्ता ने आईपीएस में बेहतर रैंकिंग प्राप्त की और उन्हें पंजाब कैडर मिला। उस वक्त पंजाब में आतंकवाद चरम पर था। वे लुधियाना, जालंधर और होशियारपुर जिलों के एसएसपी रह चुके हैं और अपने मजबूत और प्रखर कार्यशैली के लिए आज भी याद किए जाते हैं। बतौर डीआईजी उन्होंने वर्ष 1999 से 2004 तक जालंधर रेंज, लुधियाना रेंज, काउंटर इंटेलिजेंस और इंटेलीजेंस जैसे प्रमुख विभागों की कमान संभाली। वे जून, 2004 से 2012 तक सेंट्रल डेप्युटेशन पर रहे, जहां उन्होंने अनेक संवेदनशील जिम्मेदारियां निभायीं। इन पोस्टिंग्स में गृह मंत्रालय के प्रतिष्ठित प्रोटेक्शन डिवीजन के प्रमुख का पद भी शामिल रहा है। होम कैडर पंजाब लौटकर दिनकर गुप्ता ने वर्ष 2012 से 2015 तक एडीजीपी कानून व्यवस्था व एडीजीपी सुरक्षा की जिम्मेदारियां संभाली। वर्ष 2013-14 के दौरान एडीजीपी ट्रैफिक और वर्ष 2014 से एक साल तक एडीजीपी प्रोविजनिंग एंड माडर्नाइजेशन का अतिरिक्त कार्यभार इन्हे दिया गया। वर्ष 2015 से 2017 तक वे एडमिनिस्ट्रेशन एंड कम्युनिटी पुलिसिंग के प्रमुख रहे। वर्ष 2018 में उन्हें केंद्र में डीजी स्तर के पद पर नियुक्ति की सूची में शामिल किया गया था। वे 1987 बैच के उन चुनिंदा 20 आईपीएस अधिकारियों में से पंजाब के एकमात्र अधिकारी थे। डीजीपी रैंक में प्रमोशन पाने के बाद पंजाब पुलिस में इंटेलिजेंस प्रमुख के पद पर तैनात रहे दिनकर गुप्ता के जिम्मे पंजाब स्टेट इंटेलिजेंस विंग, स्टेट एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड यानी एटीएस और ऑर्गनाइज्ड क्राइम कंट्रोल यूनिट (ओसीसीयू) की सीधी निगरानी थी। फरवरी 2019 में उन्हें पंजाब का पुलिस प्रमुख बनाया गया और  अबतक के सबसे कम उम्र के डीजीपी बनने का श्रेय भी उन्हें प्राप्त हैं । उन्होंने अपने अब तक के कार्यकाल में हमेशा पुलिस बल के मनोबल को ऊंचा रखने का सफल प्रयास किया है। वर्ष 2000-01 में दिनकर गुप्ता अमेरिका की जॉर्ज वाशिंगटन युनिवर्सिटी, वाशिंगटन डीसी और अमेरिकी विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे हैं। वर्ष 1999 में उन्हें लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, लंदन में ब्रिटिश काउंसिल द्वारा ब्रिटिश शेवनिंग गुरुकुल स्कॉलरशिप से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने स्कॉटलैंड यार्ड, लंदन और न्यूयॉर्क पुलिस विभाग के साथ विशेष ट्रेनिंग ली है। वर्ष 1996 में इंटरपोल द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद संगोष्ठी में उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व भी किया। वर्ष 2002 में "द रिस्पांसिंग टू इंटरनेशनल टेररिज्म" पर ब्रिटेन में आयोजित सम्मेलन में भी वे भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।वर्ष 1997 में, उन्होंने डीजीपी व आईजीपी स्तर के ऑल इंडिया सम्मेलन में "सुपरकॉप" नामक एक विशेष सॉफ्टवेयर बना कर प्रस्तुत किया जो क्राइम डेटाबेस मैनेजमेंट के लिए है। जांबाज अधिकारी दिनकर गुप्ता को बहादुरी के लिए वर्ष 1992 में पुलिस मेडल और वर्ष 1994 में वीरता के बार टू पुलिस मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें वर्ष 2010 में शानदार सेवाओं के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुलिस मेडल मिल भी चुका है। 

फेम इंडिया मैगजीन - एशिया पोस्ट सर्वे के 12 मापदंडों पर किये गये "25 उत्कृष्ट आईपीएस 2020" के वार्षिक सर्वे में वे योग्य श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।