मुस्कान से मोक्ष दिलातीं साध्वी- आचार्य चंदना जी

मुस्कान से मोक्ष दिलातीं साध्वी- आचार्य चंदना जी

 मुस्कान से मोक्ष दिलातीं साध्वी- आचार्य चंदना जी

जैन धर्म को आधुनिक विश्व के अनुरूप एक नया आयाम देने वाली चंदना जी महाराज जैन धर्म के लगभग 2600 वर्षों के इतिहास में बनने वाली चंद महिला आचार्य में एक हैं। उन्होंने बदलते वैश्विक परिदृश्य में अपने मिशन 'वीरायतन' की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अलग ही पहचान बनायी है। चंदना जी का जन्म 26 जनवरी 1937 को महाराष्ट्र के चस्कमन गांव में कटारिया परिवार में हुआ था। उनकी माँ प्रेम कुंवर और पिता माणिकचंद ने उनका नाम शकुंतला रखा था। उन्होंने चस्कमन में कक्षा 3 तक की औपचारिक शिक्षा ली। उनके नाना ने उन्हें जैन साध्वी सुमति कुंवर के पास दीक्षा लेने के लिए राजी कर लिया ताकि वे दूसरों की मदद करने के साथ-साथ अध्ययन भी कर सकें। चौदह वर्ष की आयु में सांसारिक मोह-माया त्याग कर जैन साध्वी बनी चंदना जी ने जैन शास्त्रों, जीवन के अर्थ और उद्देश्य व विभिन्न धर्मों का अध्ययन करने के लिये बारह वर्ष का कठोर मौन व्रत रखा। उन्होंने भारतीय विद्या भवन, मुंबई से दर्शनशास्त्र की उपाधि प्राप्त की, पराग से साहित्य रत्न, पथार्डी धर्म परीक्षा बोर्ड से स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से नव्य-न्याय और व्याकरण में शास्त्री की उपाधि प्राप्त की। प्रमुख जैन संत अमरमुनि जी शिष्या रहीं चंदना जी को सन् 2013 में आचार्य की पदवी दी गयी। वर्ष 1974 में चंदना जी महाराज ने बिहार के राजगीर में वीरायतन नामक संस्था की शुरुआत की । उन्होंने जैन धर्म में आ रही रूढ़ियों पर न सिर्फ सवाल खड़े किये बल्कि कई बार उन्हें तोड़ा भी। उनका मानना है मुनि , आचार्य और साध्वी का कार्य सिर्फ प्रवचन देना नहीं सेवा भी होना चाहिए ।  वीरायतन पूरे भारतीय उप महाद्वीप में गरीबों के लिये निःशुल्क अस्पताल, स्कूल, कॉलेज और व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रम संचालित करता है। वीरायतन ने गुजरात में 2001 के भूकंप, 2004 में आयी सुनामी, 2006 में सूरत की बाढ़, 2008 में कोसी नदी की बाढ़ और 2015 में नेपाल में आये विनाशकारी भूकंप के फौरन बाद आपातकालीन राहत शिविरों और पुनर्वास कार्यक्रमों की जो शुरुआत की उसकी चर्चा आज भी होती है।चंदना जी ने तीर्थंकर के संदेशों को स्थापित व प्रचारित करने के उद्देश्य से तीर्थ नगरी पलिताना में दिव्य विश्व नामक एक विश्वविद्यालय की स्थापना की है।

शक्तिशाली नारी शक्ति 2020 के सर्वे " नारायणी नमः" में फेम इंडिया मैगजीन और एशिया पोस्ट सर्वे द्वारा समाजिक स्थिती , प्रभाव , प्रतिष्ठा , छवि , उद्देश्य , समाज के लिए प्रयास , देश के आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था पर प्रभाव जैसे दस मानदंडों पर किए गए स्टेकहोल्ड सर्वे में देश की प्रमुख 20 शक्तिशाली नारी में जैन आचार्य चंदना जी प्रमुख स्थान पर है ।