सुशासन और विकास के अग्रदूत हैं जिलाधिकारी बलवंत सिंह

राजस्थान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस में भी टॉप रैंकिंग हासिल कर चुके हैं।

सुशासन और विकास के अग्रदूत हैं जिलाधिकारी बलवंत सिंह

अनुशासित, निर्भीक और ईमानदार छवि के एक ऐसे अधिकारी जो हर किसी की तरक्की के लिये लगातार फिक्रमंद रहते हैं। अपने लक्ष्य को पाने लिए निरंतर प्रयास करने वाले 2007 बैच के आईएएस बलवंत सिंह ओडिशा के पुरी जिले के कलेक्टर हैं। अपने कार्य-कलापों से उन्होंने स्थानीय लोगों के बीच एक खास जगह बना ली है। 

बलवंत सिंह का जन्म राजस्थान में बाड़मेर के कालेवा गांव में एक बेहद सामान्य परिवार में 15 जुलाई 1977 को हुआ। उन्होंने प्रारंभिक और माध्यमिक पढ़ाई  बाड़मेर के बालोतरा से की। एमडी सरस्वती यूनिवर्सिटी, अजमेर से बलवंत सिंह ने स्नातक की डिग्री हासिल की। ग्रैजुएशन के बाद बलवंत सिंह ने जयपुर जा कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरु की। वर्ष 2000 में उनका चयन को-ऑपरेटिव इंस्पेक्टर के पद पर हुआ, लेकिन वे सफलता के बाद रुके नहीं क्योंकि उनका लक्ष्य आईएएस बनना था। उन्होंने ज्वाइन करने के बाद भी पढ़ाई जारी रखी। वर्ष 2005 में उन्होंने राजस्थान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस में 5 वीं रैक हासिल की, लेकिन सिविल सर्विसेज का प्रयास जारी रखा। वर्ष 2007 में 35 वीं रैंक के साथ आईएएस में सेलेक्ट हुए और ओडिशा कैडर मिला।

बलवंत सिंह सर्वप्रथम बालीगुडा में  एसडीएम  बनाये गये। फिर उन्हें मलकानगिरि जिले में डिस्ट्रिक्ट रूलर डेवलपमेंट अथॉरिटी का प्रोजेक्ट डायरेक्टर और बाद में जिले का कलेक्टर बनाया गया। वहां उन्होंने ट्राइबल एजूकेशन के कार्यों को बेहद सराहनीय तरीके से अंजाम दिया। इसके बाद वे केंदुझार के जिला कलेक्टर बनाये गये। वहां उनके कार्यकाल में हुए आदिवासी क्षेत्रों के डेवलपमेंट वर्क्स की आज भी चर्चा होती है। करीब पांच साल तक विभिन्न दायित्वों के निर्वहन के बाद अप्रैल 2013 में उन्हें संभलपुर का जिलाधिकारी बनाया गया। वहां उन्होंने अर्बन डेवलपमेंट पर विशेष कार्य किया। जिले के अंतर्गत आने वाले शहरों के इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरूस्त करने के साथ ही रोड, ड्रेनेज, स्वच्छता आदि पर उन्होंने विशेष ध्यान दिया। इसके बाद उन्हें  डायरेक्टर , 
इंडस्ट्रीज और डायरेक्टर टेक्निकल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग बनाकर कटक भेजा गया। जहां उनका कार्य सराहनीय रहा। उन्होंने अपनी सभी पोस्टिंग में शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता से बेहतरीन कार्य किया। 

बलवंत सिंह की जिम्मेदार कार्यशैली को देखते हुए राज्य सरकार ने उन्हें फेनी तूफान से लगभग तबाह हो चुकी धार्मिक नगरी पुरी का कलेक्टर बनाया। मई 2019 में पद भार संभालते ही उन्होंने बाधित हुई सड़कों और टेलीकॉम सेवा को तुरंत दोबारा बहाल करवाने के कार्य किये। बेहतर प्रशासनिक तालमेल दिखाते हुए उन्होंने तूफान पीड़ितों को राहत पहुंचाने में तेजी लाने के प्रयास किये। इस दौरान उन्होंने लोगों की सेवा के अपने फर्ज में हर जोखिम उठाने के साथ बड़ी ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठता से प्रशासनिक दायित्व को निभाया, जिससे उनपर सरकार और जनता का विश्वास भी कायम हुआ।  उन्होंने जिले में विकास, स्वच्छता मिशन, सुरक्षा, सड़क सहित सभी तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को तेजी से आगे बढ़ाया ।  बलवंत सिंह ने देश की सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में शामिल श्री जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर प्रोजेक्ट को आगे बढाया और आम जनता के सहयोग और सहमति से काफी कम समय में जमीन अधिग्रहण में भी सफल रहे ।

इस बीच कोरोना ने दस्तक दी। कोरोना को देखते हुए जिलाधिकारी बलवंत सिंह ने पुरी जिले में राज्य और केंद्र सरकार की गाइडलाइंस को सख्ती से लागू करवाया, साथ ही भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए व्यापक तैयारी की, जिससे भगवान जगन्नाथ रथयात्रा की  हर रस्म अनुशासित तरीके से पूरी हो सकी। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था, सीमित संख्या में  भगवान के दर्शन आदि को सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने  प्रशासन को फ्रंट से लीड किया। अब वे एक बार फिर लोगों की सेवा को प्राथमिकता देते हुए  कोरोना को हराने और  विकास को आगे बढ़ाने में दिन-रात एक करके मेहनत कर रहे हैं।

फेम इंडिया और एशिया पोस्ट द्वारा  शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किये गये सर्वे में ओडिशा के पुरी के जिलाधिकारी  बलवंत सिंह 'अग्रदूत' श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।