छोटी उम्र में भी हौसलों से मजबूत चिरंजीव राव

छोटी उम्र में भी हौसलों से मजबूत चिरंजीव राव

अनुभव काम करने से आता है और काम करना इंसान तभी सीख पाता है जब खुद जमीन पर उतरता है। इस बात को पूरी तरह से सही साबित कर रहे हैं रेवाड़ी के विधायक चिरंजीव राव। वैसे तो बीजेपी से अपना गढ़ जीतकर वापस लेने वाले चिरंजीव राव की पहचान कई तरह से की जा सकती है, लेकिन आज वह एक समाजसेवक की तरह अपनी क्षेत्र की जनता के लिए कार्य कर रहे हैं।

1 जनवरी 1970 को रेवाड़ी हरियाणा में एक राजनीतिक परिवार में जन्मे चिरंजीव के पिता डॉ. अजय यादव हरियाणा सरकार में ऊर्जा मंत्री रह चुके हैं। प्रारंभिक शिक्षा सेंट जॉन्स स्कूल में हुई। स्नातक की पढ़ाई पंजाब यूनिवर्सिटी से की। चिरंजीवी हरियाणा यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं और कांग्रेस के प्रमुख युवा नेताओं में उनका नाम शुमार है। यदि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनती तो उनका मंत्री बनना भी तय था। उनके परिवार में पत्नी अनुष्का के अलावा उनका एक बेटा भी है। अनुष्का बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की पुत्री हैं।

चिरंजीव राव की मेहनत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रेवाड़ी की तीनों सीटों पर 2014 में बीजेपी का कब्जा हो गया था जिनमें से एक सीट उनके पिता कैप्टन अजय यादव की भी रह चुकी थी। 2019 के विधानसभा जब पिता ने जब खुद चुनाव न लड़कर अपने बेटे को मैदान में उतारा तब भी कई सवाल उठे, लेकिन चिरंजीव ने यह सीट जीतकर न सिर्फ अपने पिता का भरोसा बनाये रखा बल्कि कांग्रेस के भी निराश नहीं किया। रेवाड़ी जिला हरियाणा के अहिरवाल रीजन में आता है। कुछ लोग इसे यादवों का लंदन भी कहते हैं और यहां यादवों का दबदबा है। उनकी जीत के पीछे उनकी वह जमीनी मेहनत है जो बहुत कम नेतापुत्रों में देखने को मिलती है।

चिरंजीव की सबसे बड़ी खासियत है कि वह मददगार साथी की तरह जरुरतमंदों का हाथ थामते हैं। कोरोना संकट के दौरान भी शायद ही कोई दिन बीता हो जिस दिन विधायक चिरंजीव राव निरीक्षण पर न निकले हों। विशेष तौर पर उनकी निगाह स्वास्थ्य सेवाओं और ऐसे लोगों पर है, जो अपने घर से दूर शेल्टर होम में ठहरे हुए हैं। इस संकट के काल में उनका एक ही मकसद है कि उनके क्षेत्र में कोई भी भूखा न सोये।

फेम इंडिया - एशिया पोस्ट "उम्दा विधायक सर्वे" में व्यक्तित्व, छवि, जनता से जुड़ाव, कार्यशैली, लोकप्रियता, विधानसभा में उपस्थिति और प्रश्न, बहस में हिस्सा, विधायक निधि का उपयोग व सामाजिक सहभागिता आदि 10 मुख्य मापदंड पर किये गये सर्वे में चिरंजीव राव को प्रोग्रेसिव कैटगरी में प्रमुख स्थान पर पाया गया है।

सर्वे स्रोत - विभिन्न प्रश्नों पर विधानसभा क्षेत्रों की राय, विधायिका और मीडिया से जुड़े लोगों से स्टेक होल्ड सर्वे तथा विधानसभा से उपलब्ध डाटा के आधार पर।