विकास के प्रति जवाबदेह डॉ. जितेंद्र कुमार

विकास के प्रति जवाबदेह डॉ. जितेंद्र कुमार

बिहार के अस्थवां विधानसभा क्षेत्र से जनता दल यूनाइटेड विधायक डॉ. जितेंद्र  कुमार विकास के मामले में  बेहद सजग नेता के तौर पर जाने जाते हैं। गांव और गरीब के विकास को लेकर वे बेहद संजीदा हैं और अपने इलाके में सतत विकास कार्य को तरजीह दे रहे हैं जो उनके विधानसभा क्षेत्र में साफ दिखता है।

जितेंद्र कुमार का  जन्म 25 मई 1972 को नालंदा के उत्तराथू गांव में एक राजनीतिक परिवार में हुआ। उनके पिता स्व. अयोध्या  प्रसाद दो बार विधायक रह चुके थे और माता जी का नाम फूलमती देवी है। बचपन से पढ़ने-लिखने में तेज रहे जितेंद्र ने मगध यूनिवर्सिटी से इतिहास में डबल एमए करने के बाद पीएचडी की डिग्री हासिल की। वे एमए में टॉपर रहे और लॉ ग्रेजुएट भी हैं।  फरवरी 2005 में पहली बार जेडीयू से विधायक बने। करीब सात महीने बाद अक्टूबर 2005 में दूसरी पर विधायक चुने गये। अपनी विकासवादी छवि की बदौलत 2010 और 2015 में  जेडीयू से लगातार चौथी बार विधायक बने।
 
जितेंद्र कुमार के विधानसभा क्षेत्र में 2009 तक तीन प्रखंड थे लेकिन 2010 में परिसीमन के बाद अस्थवां विधानसभा क्षेत्र में चार प्रखंड हो गये। इलाके में बाढ़ की वजह से हालात बेहद खराब रहते थे। पूरे विधानसभा इलाके में सड़कें ना के बराबर थीं लेकिन जितेंद्र  कुमार  के विधायक बनने के बाद इलाके में सड़क की जाल बिछा दी गयीं और हर गांव में बिजली पहुंचायी गयी। नालंदा का अस्थवां इलाका कृषि पर आधारित रहा है, और इस वजह से किसान और आम जन बेहद त्रस्त रहते थे। ऐसे में उन्होंने नदियों की तलहटी की सफाई और मजबूत तटंबध बनाने पर विशेष ध्यान दिया। 

विधानसभा के विधायी कार्यों में डॉ. जितेंद्र कुमार की सहभागिता सौ फीसदी है। सरकारी योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने में भी वे कोई कोताही नहीं करते हैं। विधायक फंड का इस्तेमाल चारों प्रखंडों में शत-प्रतिशत किया जा रहा है। व्यस्तता के बावजूद वे लोगों से खुलकर मिलते हैं और कोई भी व्यक्ति बिना रोक-टोक उनसे अपनी समस्या कह सकता है। वे  विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान आम लोगों की समस्याओं को उठाने में कोई संकोच नहीं करते। शिक्षा के क्षेत्र में भी उन्होंने काफी सुधार किया है। 

डॉ. जितेंद्र कुमार वर्ष 2003 से 2018 तक बिहार में कॉपरेटिव बैंक के अध्यक्ष और भूमि विकास बैंक के डाटरेक्टर रहे हैं। वे नालंदा केंद्रीय सहकारी  बैंक के अध्यक्ष के पद पर 2003 से 2018 तक रहे। फिलहाल वे कृभको एवं इफको के राज्य प्रतिनिधि भी हैं। बैंकिंग क्षेत्र में उनका योगदान सराहनीय रहा है। वे पढ़ाई की अहमियत को जानते हैं और उन्होंने प्राइमरी और मिडिल स्कूल से लेकर हाईस्कूल तक पढ़ाई की समुचित व्यवस्था की है। उन्होंने अस्थवां ग्रामीण इलाके में राज्य का 14 वां पॉलिटेक्निक कॉलेज खुलवाया। साथ ही आईटीआई कॉलेज का निर्माण जोर-शोर से चल रहा है। 

फेम इंडिया - एशिया पोस्ट "उम्दा विधायक सर्वे" में व्यक्तित्व, छवि, जनता से जुड़ाव, कार्यशैली, लोकप्रियता, विधानसभा में उपस्थिति और प्रश्न, बहस में हिस्सा, विधायक निधि का उपयोग व सामाजिक सहभागिता आदि 10 मुख्य मापदंडों पर किये गये सर्वे में डॉ. जितेंद्र कुमार को जवाबदेह कैटगरी में प्रमुख स्थान पर पाया गया है।

सर्वे स्रोत - विभिन्न प्रश्नों पर विधानसभा क्षेत्रों की राय, विधायिका और मीडिया से जुड़े लोगों से स्टेक होल्ड सर्वे और विधानसभा से उपलब्ध डाटा के आधार पर।