इक़बाल सिंह बैंस मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव हैं।
इकबाल सिंह मुख्य सचिव बनाए जाने से पहले राजस्व मंडल ग्वालियर के अध्यक्ष थे। मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस 1985 बैच के आईएएस अफसर हैं।
इकबालसिंह का जन्म पंजाब में 13 नवंबर 1962 को एक शिक्षित परिवार में हुआ। वे बेहद कुशाग्र स्टूडेंट रहे हैं। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स में प्रथम श्रेणी में ग्रेजुवेसन किया । भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन के बाद बैंस की पहली पोस्टिंग 21 जनवरी 1993 को सीहोर में हुई थी। वे वहां 9 अगस्त 1993 तक पदस्थ रह थे । इसके बाद उन्हें गुणा का कलक्टर बनाया गया। 01 अगस्त 1996 को उन्हें भोपाल का कलक्टर बनाया गया। भोपालमें उन्होंने अपने प्रशासनिक दक्षता का परिचय दिया और विकास के साथ काननू व्यवस्था को दुरुस्त किया। इसके बाद एक अगस्त 1999 स 01 जून 2000 तक चुनाव और लॉ एंड जस्टिस डिपारमेट्ट मध्य प्रदेश में ज्वाइंट चीफ इलेक्टोरल डायरेक्टर रहे। इकबाल सिंह की सबस बड़ी खासियत ये हैं कि वह अपने दायित्वों के प्रति सजग अधिकारी हैं । मुख्य सचिव इकबालसिंह बैंस को सख्त प्रशासक माना जाता हैं । इतना ही नहीं उनकी छविनवाचार प्रिय अफसर की भी हैं। उन्होंने ही मध्य प्रदश सरकार में लोक सेवा गारंटी काननू को लागू करवाया था। देश में पहली बार आनंद विभाग का गठन भी उनकी ही पहल पर हुआ था। मध्य प्रदेश का मुख्य सचिव बनने से पहले इकबालसिंह बैंस कई अहम पदों पर रहे हैं। कृषि, उद्यानिकी, ऊर्जा, विमानन, आबकारी आयक्तु , पंचायत एवं ग्रामीणविकास, संसदीय कार्य जैसेविभागों में काम कर चुके हैं। सीहोर, खंडवा, गुना और भोपाल के कलेक्टर भी रहे हैं।
साथ वे मुख्यमंत्री दफ्तर में सचिव, प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव रह चुके हैं। जब वे जुलाई 2013 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर संयक्तु सचिव बनकर चले गए थेतो उन्हें बीजपी सरकार बनने के बाद अगस्त 2014 में मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से विशेष आग्रह करके वापस बुलाया। कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के शुरू होने सेलकेर अब मुख्य सचिव इकबालसिंह बैंस बड़ीजिम्मेदारी से राज्य में इस कार्य पर नजर रखें हुए हैं, जिससे उनके कार्य की जबरदस्त तारीफ हो रही हैं ।