देश के आर्थिक तंत्र को मजबूती प्रदान करने में सफल राजेश वर्मा

देश के आर्थिक तंत्र को मजबूती प्रदान करने में सफल राजेश वर्मा

ओडिशा कैडर के आईएस अधिकारी राजेश वर्मा  वर्तमान में देश के कंपनी मामलों के मंत्रालय में सचिव हैं। वे तर्कसंगत निर्णय और विश्लेषणात्मक कौशल को बढ़ावा देने के लिए  जाने जाते हैं। कोरोना काल में लॉकडाउन और मंदी के बीच कंपनियों की खस्ता हाल को सुदृढ़ करने में उनकी भूमिका सराहनीय रही है।

1987 बैच के राजेश वर्मा का जन्म राजस्थान के माधोपुर  में 1 सितंबर 1964 को हुआ। उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। प्रशासनिक सेवा में चुने जाने के बाद 27 अगस्त को 1987 को उन्होंने सर्विस ज्वाइन किया। बतौर डीएम उनकी पहली पोस्टिंग 1993 में ओडिशा के ढेंकानाल जिले में हुई।ओडिशा के सबसे पिछड़े जिलों में आम लोगों की समस्याओं को बखूबी हल किया। इसके बाद जिलाधिकारी के तौर पर उनकी दूसरी पोस्टिंग गंजाम जिले में हुई।वे 1996 तक वहां रहे ओर विकास के कार्यों से आम लोगों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई।
आईएएस राजेश वर्मा को 1997 से 2003 तक  इंटर कैडर डेप्यूटेशन पर होम स्टेट राजस्थान में वित्त विभाग में डायरेक्टर बनाया गया।

वर्मा इसके बाद केंद्र में भेज दिए गए जहां वे पावर,वित्त और रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन मंत्रालय में डायरेक्टर और  ज्वाइंट सेक्रेटरी के अहम पदों पर रहे है। इसके बाद राजेश वर्मा ओडिशा के चीफ मिनिस्टर के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रहे।सीएम नवीन पटनायक ने राजेश वर्मा को कई सीनियर अधिकारियों के बदले तरजीह दी। दरअसल राजेश वर्मा ईमानदार और सत्यनिष्ठा के लिए जाने जाते है। इतना ही नहीं  वे राज्य में माइंस, कृषि  के साथ  एनर्जी डिपार्टमेंट में प्रिंसिपल सेक्रेटरी  भी रह चुके हैं। केंद्र में वे मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर और फार्मस वेलफेयर मंत्रालय में स्पेशल सेक्रेटरी भी रह चुके हैं। 

कोरोना काल में राजेश वर्मा ने कंपनी मामलों के मंत्रालय के सचिव पद पर रहते हुए कंपनियों के नियमों के पालन से संबंधित कई दस्तावेजों को जमा करने की अंतिम तिथि को 31 दिसंबर 2020 से आगे न बढ़ाने का निर्णय लिया है। इन प्रावधानों में कंपनियों की फ्रेश स्टार्ट स्कीम और सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) और शुल्क सृजन या संशोधन के लिए फॉर्म भरने में छूट से संबंधित योजना शामिल रहीं।

उनके मंत्रालय ने फ्रेश स्टार्ट स्कीम के तहत डिफॉल्ट करने वाली कंपनियों और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप फर्म को बिना कोई अतिरिक्त शुल्क या फाइन के  MCA में पेंडिंग डॉक्यूमेंट जमा करने की एक बार की छूट दी  है।  जिससे कंपनियों को मंदी के दौर में बड़ी राहत मिला। 

कंपनी मामलों के सचिव राजेश वर्मा की सबसे बड़ी खासियत ये  है कि वे शांत प्रवृत्ति के व अपने काम से प्यार करने वाले हैं,  और आमलोगों की चिंता करते हैं। शानदार गवर्नेंस, गंभीरता और व्यवहार कुशलता, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, जैसे  मुख्य बिंदुओं पर किए गए फेम इंडिया  मैगजीन -एशिया पोस्ट  के वार्षिक सर्वे  असरदार  ब्यूरोक्रेट्स 2021 में राजेश वर्मा  प्रमुख स्थान पर हैं।