गायकी के आगे सिद्धार्थ ने छोड़ी इंजीनियरिंग
गायकी के आगे सिद्धार्थ ने छोड़ी इंजीनियरिंग
गायन के क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुके सिद्धार्थ मोहन यह साबित कर चुके हैं कि अलग लगन हो तो कुछ भी करना मुमकिन है. बेफिक्रा, ओफ्फो और धत तेरे की जैसे गानों से हिंदी फिल्मों में अपनी पहचान बना चुके सिद्धार्थ ने हाल ही में अदिति सिंह शर्मा के साथ भी काम किया है. बहुत कम लोग जानते हैं कि सिद्धांत ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है, लेकिन संगीत के प्रति उनकी लगन उन्हें इधर ही खींच लायी. उन्हें करीब से जानने वाले बताते हैं कि 13 साल की छोटी उम्र में ही उन्होंने गायन की शुरूआत कर दी थी. सिद्धार्थ कहते हैं कि वे गायन में खुद को पूरी तरह समर्पित कर देते हैं और बाकी सब भगवान और लोगों पर छोड़ देते हैं. वे कहते हैं कि उन्हें लोगों से इतना प्यार मिला है कि वे खुद को धन्य महसूस करते है. वे इस सराहना को किसी भी पुरस्कार से ज्यादा कीमती मानते हैं. शुरूआत में उन्होंने ज्यादातर सूफी और पंजाबी गाने ही गए. दरअसल वे मानते हैं कि यह उनके भीतर की आवाज है और इस तरह के गानों से खुद को स्वभाविक रुप से जुड़ा पाते हैं.
अपने गायन की बदौलत वे भारत ही नहीं, दुनिया भर में अपनी पहचान बना चुके हैं. 2009 में उन्हें रूस सरकार ने यूथ एक्सीलेंस अवॉर्ड से सम्मानित किया. इसके बाद 2010 में यूथ अचीवर अवॉर्ड और 2017 में असम सरकार ने भी उन्हें युवा भारती अवॉर्ड दिया. सिद्धार्थ मोहन एक गायक होने के साथ साथ संगीतकार, गीतकार, गिटारिस्ट और बांसुरी बजाने में भी उस्ताद हैं. उन्होंने माँ कृष्ण कांजीलाल से शास्त्रीय संगीत का बकायदा प्रशिक्षण लिया है. आज उनके गाये भजनों को सुनकर करोड़ों लोग आस्था के धारा में बह जाते हैं. वे आध्यत्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग के साथ भी जुड़े रहे हैं.
यूथ आइकॉन " युवा" 2019 के इस सर्वे में फेम इंडिया मैगजीन – एशिया पोस्ट ने नॉमिनेशन में आये 300 नामों को विभिन्न मानदंडों पर कसा , जिसमें सर्वे में सामाजिक स्थिति, प्रतिष्ठा, देश की आर्थिक व राजनीतिक व्यवस्था पर प्रभाव, छवि, उद्देश्य और प्रयास जैसे दस मानदंडों को आधार बना कर किये गये स्टेकहोल्ड सर्वे में सिद्धार्थ मोहन प्रमुख स्थान पर हैं |