सुनहरे भविष्य का विजन रखने वाले आदर्श सांसद हैं शिवकुमार चनाबासप्पा उदासी

सुनहरे भविष्य का विजन रखने वाले आदर्श सांसद हैं शिवकुमार चनाबासप्पा उदासी

सुनहरे भविष्य का विजन रखने वाले आदर्श सांसद हैं  शिवकुमार चनाबासप्पा उदासी

कहते हैं अगर हौसला बुलंद हो तो इंसान तूफान का भी रुख मोड़ दे सकता है। कर्नाटक के हावेरी से तीन बार के सांसद शिवकुमार उदासी ऐसे ही व्यक्ति हैं। उन्होंने अपनी पहली जीत ऐसे समय में भाजपा के टिकट पर हासिल की जब पूरे देश में कांग्रेस का बोलबाला था।  शिवकुमार उदासी का जन्म 22 मई 1987 को कर्नाटक के हावेरी में एक संपन्न परिवार में हुआ। स्कूली पढ़ाई बीजापुर के सैनिक स्कूल में हुई। वे एक मेधावी छात्र थे और उनका चयन बैंगलोर इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में हो गया। वहां से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने बतौर बिल्डर अपना करीयर शुरू किया और इस क्षेत्र में अच्छी सफलता हासिल की। समाजसेवा का ज्जबा शुरू से दिल में था जिसे पूरा करने के लिये वे राजनीति में उतरे।   वर्ष 2009 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर अपनी जन्मभूमि हावेरी से 15वीं लोकसभा की सदस्यता के लिये चुनाव लड़ा। हालांकि कर्नाटक समेत पूरे देश में कांग्रेसी नेतृत्त्व वाले यूपीए का बोलबाला था, लेकिन शिवकुमार उदासी ने कांग्रेसी उम्मीदवार सलीम अहमद पर जीत हासिल की। अगली बार यानि वर्ष 2014 में 16वीं लोकसभा के चुनाव में उन्होंने दोबारा कांग्रेसी उम्मीदवार सलीम अहमद को ही पराजित किया। वर्ष 2019 में 17वीं लोकसभा के लिये होने वाले चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के डी आर पाटिल को हराकर अपनी सदस्यता पक्की की। खास बात ये रही कि शिवकुमार हर चुनाव में अपने जनसमर्थन का प्रतिशत बढ़ाते गये। वर्ष 2019 में उन्हें 49.33 प्रतिशत वोट मिले ते जबकि वर्ष 2014 में 50.79 और वर्ष 2019 में लगभग 54 प्रतिशत जनसमर्थन हासिल कर उन्होंने दिखा दिया कि अगर सच्चाई और लगन से जनता की सेवा की जाये तो लोग अपने राजनेता को बढ़-चढ़ कर प्यार देते हैं। कर्म को पूजा मानने वाले सांसद शिवकुमार उदासी का प्रदर्शन शानदार रहा है। उन्होंने पिछले दो सत्रों के छोटे से कार्यकाल में 70 प्रश्न उठाये हैं जो कृषि, स्वास्थ्य, नारी सशक्तिकरण, खनन, और रोजगार आदि विषयों से संबंधित हैं। उन्होंने 16 बहसों और 9 विशेष उल्लेख की चर्चाओं में सक्रिय भागीदारी की है। सदन में उनकी उपस्थिति लगभग 85 प्रतिशत रही और उन्होंने इस दौरान सदन में एक सरकारी बिल भी पेश किया। उन्हें ऊर्जा संबंधित संसद की स्टैंडिंग कमेटि का सदस्य बनाया गया है। उन्होंने अपने क्षेत्र में प्रगति की नयी कहानी लिखी है। उनका क्षेत्र उज्जवला योजना के मामले में प्रदेश भर में पहले नंबर पर है। उन्होंने सड़कों पर विशेष ध्यान दिया है और उनके क्षेत्र के दो शहरों को अमृत सिटी परियोजना में शामिल किया गया है। उनके इलाके में बहने वाली दो नदियों वरदा और बेदती को जोड़ने के कार्य में तेजी लाना और अपने क्षेत्र में रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देना उनकी प्रमुखताओं में शामिल है। शिवकुमार उदासी दुनिया के कई देशों की यात्राएं कर चुके हैं और किताबें पढ़ने व क्रिकेट खेलने के शौकीन हैं।