कुशल प्रबंधक - कुशल प्रशासनिक क्षमता के धनी अधिकारी हैं गौरव द्विवेदी
कुशल प्रबंधक - कुशल प्रशासनिक क्षमता के धनी अधिकारी हैं गौरव द्विवेदी
छत्तीसगढ़ के सबसे प्रभावी अधिकारियों में गौरव द्विवेदी का नाम प्रमुख है। वे मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव हैं और छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा के भी मुखिया हैं। चाहे सरकारी खरीद को ई-गवर्नेंस के जरिये पारदर्शी बनाने की कवायद हो या फिर शिक्षा में सुधार के लिये शिक्षकों का ऐप्प और छात्रों का व्यापक अध्ययन, वे हर क्षेत्र में प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाले अधिकारी साबित हुए हैं। उत्तर प्रदेश के मूल निवासी गौरव द्विवेदी ने अपनी स्कूली पढ़ाई एपीजे स्कूल नोएडा से और आगे की पढ़ाई हिंदू कॉलेज, दिल्ली से की। वे दिल्ली विश्वविद्यालय से मानव विज्ञान में एमएससी हैं। वे 1995 बैच में केरल कैडर के अधिकारी बने और 1999 में मध्य प्रदेश कैडर में स्थानांतरित हो गये। उन्होंने ड्यूक सेंटर फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (डीसीआईडी), ड्यूक यूनिवर्सिटी, यूएसए से प्रोजेक्ट मूल्यांकन और रिस्क मैनेजमेंट पर एक कोर्स भी किया है। द्विवेदी ने छत्तीसगढ़ जाने से पहले केरल में सहायक कलेक्टर के रूप में आईएएस में अपना करियर शुरू किया। अन्य पोस्टिंग के बीच, उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य विपणन मंडी बोर्ड के प्रबंध निदेशक और बाद में राज्य में संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी के रूप में काम किया। वे महासमंद, कोरबा, बिलासपुर आदि जिलों के सफलतम जिलाधिकारियों में से गिने जाते हैं। 2009 और 2012 के बीच, द्विवेदी ने मसूरी में स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में उप निदेशक के रूप में काम किया। उसके बाद, वह नई दिल्ली चले गए और संचार मंत्रालय के तहत सूचना-प्रौद्योगिकी विभाग में उप निदेशक बने। सितंबर 2014 में गौरव द्विवेदी को मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना "मायगाव" का सीईओ बनाया गया। कहते हैं अगस्त 2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की तर्ज पर अपने पहले ऐतिहासिक टाउनहॉल संबोधन में देश भर के प्रबुद्ध वर्ग से पर्यटन, स्मार्ट सिटी, विदेश नीति से लेकर गौ संरक्षण तक के मुद्दों पर जिस प्रभावी ढंग से सवालों का जवाब दिया उसके पीछे इसी "मायगाव" का कमाल था। दिसंबर 2017 से वे वापस छत्तीसगढ़ कैडर की सेवा पर हैं। गौरव द्विवेदी को प्रशासनिक कुशलता के लिये प्रधानमंत्री अवॉर्ड भी मिल चुका है। हाल ही में उन्होंने सातवें वेतन आयोग की घोषणा कर छत्तीसगढ़ के अधिकारियों का भी दिल जीत लिया है। हालांकि सरकारी खजाने पर ज्यादा बोझ डाले बिना इसे सफलता पूर्वक लागू करना उनके लिये भी एक चुनौती होगा।