त्वरित फैसलों और दूरदर्शिता के दम पर कामयाब जिलाधिकारी हैं कुमार अमित
लाखों के पैकेज वाली रिसर्च एनालिस्ट की नौकरी छोड़ कर प्रशासनिक सेवा में आये हैं।

समय के पाबंद और सजग जिलाधिकारी, देश की नामी गिरामी कंपनी में सीनियर रिसर्च इंजीनियर और बिजनेस रिसर्च एनालिस्ट की लाखों की सैलरी छोड़कर एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस में आये कुमार अमित की छवि कामयाब अफसर की है। 2010 बैच के कुमार अमित वर्तमान में पटियाला के जिलाधिकारी हैं और अपने कार्यों की वजह से बेहद लोकप्रिय हैं।
राजस्थान के मूल निवासी कुमार अमित ने दिल्ली के डीपीएस से बारहवीं की परीक्षा पास करने के बाद दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इसके बाद वे लार्सेन एंड टूब्रो में सीनियर रिसर्च इंजीनियर बने और मुम्बई ऑफिस में ज्वाइन किया। करीब छह महीने बाद कुमार अमित गुड़गांव में बिजनेस रिसर्च एनालिस्ट के पद पर आ गये, और वहाँ वे दो साल रहे। वर्ष 2009 में उन्होंने प्रशासनिक सेवा में जाने का निर्णय लिया और यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। वर्ष 2010 में उन्हें कामयाबी मिली और बतौर आईएएस पंजाब कैडर मिला।
कुमार अमित की पहली तैनाती बठिंडा में बतौर असिस्टेंट कमिश्नर हुई। एक साल चार महीने तक वे इसी पद पर रहे। उसके बाद उन्हें पजाब के मलोट में सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट बनाया गया। इस दौरान उन्हें भू-राजस्व, प्रशासन , डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के साथ ही चुनाव, भूमि-अधिग्रहण और जनगणना का दायित्व मिला। इन तमात जवाबदेहियों को उन्होंने बखूबी निभाया। कुमार अमित की प्रशासनिक दक्षता को देखते हुए उन्हें जुलाई 2014 में जालंधर का एडिशनल डिप्टी कमिश्नर बनाया गया। यहां उन्होंने जिले में विकास की नयी परिभाषा दी। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और शहर के ब्यूटिफिकेशन के साथ ही लोगों की शिकायतों के निपटारे पर विशेष ध्यान दे कर वहाँ के लोकप्रिय ऑफिसर बने।
जनवरी 2016 में कुमार अमित का ट्रांसफर सीएम ऑफिस, चंडीगढ़ में एडिशनल प्रिंसिपल सेक्रेटरी के तौर पर हुआ। इस दौरान उन्होंने अच्छे कार्यशैली का प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने उन पर विश्वास करते हुए मार्च 2017 में अपने गृह जिले पटियाला की कमान सौंपी। वे पटियाला के डिप्युटी कमिश्नर बनाये गये। इस अहम जिम्मेदारी को संभालते ही उन्होंने जिले में डेवलपमेंट, जन समस्याओं के समाधान, किसानों को उनके अनाज का सही दाम दिलाने और रेवेन्यू मामलों को सुलझाने के लिए कई त्वरित निर्णय लिये। स्वच्छता अभियान के द्वारा पटियाला में साफ-सफाई पर बेहतरीन कार्य किया, जिसकी वजह से इन तीन वर्षों के दौरान पटियाला की नेशनल रैंकिंग में जबरदस्त सुधार हुआ।
कुमार अमित जैसे जिलाधिकारी के शानदार गवर्नेंस के कारण पटियाला जिला मात्र तीन महीने में खुले में शौच से मुक्त हो गया। उन्होंने लोगों की सुविधा के लिए रेलवे ट्रैक इलेक्ट्रीफिकेशन, फुटओवर ब्रिज को समय पर पूरा करवाने की दिशा में प्रयास शुरु किया। प्राइमरी एजुकेशन में उन्होंने फर्स्ट सोल लैब जैसी पहल पटियाला में की, जिसके परिणामस्वरूप लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों से निकाल कर गवर्नेमेंट स्कूल में एडमिशन दिलवाने लगे।
उन्होनें पटियाला में अत्यंत गरीब और भिखारियों के लिए अवसर प्रोजेक्ट जैसी योजनाएं शुरू की, जिससे हजारों बच्चों को काम के साथ शिक्षा का लाभ मिल रहा है। कुमार अमित ने जिले में वूमेन इंपावरमेंट और वूमेन हेल्थ के लिए पाकीजा प्रोजेक्ट की शुरुआत करवायी। लोकसभा चुनाव को अपनी देखरेख में निष्पक्ष तरीके से करवाया। पटियाला में कोविड 19 के इस संकट में उनके नेतृत्व में जिला प्रशासन जागरुकता, ईलाज आदि के साथ ही गरीबों के खाते में सीधे पैसा ट्रांसफर की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दे रहा है।
फेम इंडिया और एशिया पोस्ट द्वारा शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किये गये सर्वे में पटियाला के जिलाधिकारी कुमार अमित 'कामयाब' श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।