बिहार में शराबबंदी के ब्रांड एम्बेसडर हैं विलक्षण प्रतिभा के धनी डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय
बिहार में शराबबंदी के ब्रांड एम्बेसडर हैं विलक्षण प्रतिभा के धनी डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय
मानवतावादी और अध्यात्मिक व्यक्तित्व के धनी,जनमानस से जुड़े व नशा मुक्ति के प्रबल समर्थक और पीड़ितों को ससमय न्याय मिलने के पैरोकार हैं,देश में दूसरे सबसे बड़े राज्य के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ।इनका पुलिसिंग कैरियर बेमिसाल रहा है । विलक्षण प्रतिभा के धनी गुप्तेश्वर पांडेय अपनी पहली पोस्टिंग से ही लोगों के बीच बेहद पॉपुलर रहे हैं । गुप्तेश्वर पांडेय का जन्म बिहार के बक्सर जिले के छोटे से गांव गेरुआ में 1961 में हुआ । उस समय यह गाँव काफी पिछड़ा हुआ था ।प्राईमरी की शिक्षा के लिये भी बच्चों को दूसरे गाँव जाना पड़ता था । 12 वीं कक्षा प्रथम श्रेणी से उतीर्ण करने के बाद,उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया । अपनी प्रतिभा, मेहनत और लगन से वे 1986 में आईआरएस और फिर 1987 में आईपीएस बने । गुप्तेश्वर पांडेय एएसपी, एसपी, एसएसपी, डीआईजी, आईजी, एडीजी के तौर पर कार्य करने के बाद बिहार के पुलिस महानिदेशक बनने से पहले डीजी बिहार सैन्य पुलिस और डीजी पुलिस अकेडमी के पद पर थे । अपने कैरियर के दौरान बिहार के अधिकतर जिलों में कार्य करने के कारण, वे राज्य के चप्पे-चप्पे की जानकारी रखते हैं ।उनकी कार्यशैली की प्रशंसा करते आज भी तमाम जिलों के लोग,अघाते नहीं हैं । खासकर बेगूसराय , जहानाबाद,औरंगाबाद और नालंदा में एसपी रहने के दौरान उन्होंने बेहतरीन पुलिसिंग की एक मिसाल कायम की । इस जाँबाज अधिकारी ने 90 के दशक में बिहार में ऑर्गनाइज्ड क्राइम का सबसे बड़ा अड्डा बन चुके बेगुसराय में, अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान खूंखार अपराधियों पर नकेल कस दिए । वहीं जहानाबाद, औरंगाबाद और नालंदा में अपने कार्यकाल के दौरान नक्सलवाद पर पूरी तरह से लगाम लगा दिया ।जिसकी चर्चा आज भी इन जिलों में होती है ।"सुरक्षा, शांति, पारदर्शिता और न्याय" को मूल मंत्र मानने की उनकी कार्यशैली ऐसी है,जिससे वे जहाँ भी जाते हैं,अपराधियों में दहशत और आम लोगों में कानून के प्रति आस्था पैदा करते हैं । 1 फरवरी 2019 से गुप्तेश्वर पांडेय ने बिहार के डीजीपी के पद की कमान संभालते ही बिहार में पुलिस रिफॉर्म और प्रो पीपुल्स पुलिसिंग पर जोड़ दिया । सैकड़ों भ्रष्ट और अकर्मण्य अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू हुई और पुलिस मुख्यालय में जनता दरबार की शुरूआत की गयी, जहाँ आम जनता को न्याय , सुरक्षा के लिए सीधे, डीजीपी तक पहुँचने का मार्ग सुगम हुआ । वे पोस्ट क्राइसिस मैनेजमेंट और साम्प्रदायिक हिंसा को संभालने में भी माहिर माने जाते रहे हैं । राज्य के किसी भी हिस्से में चाहे धार्मिक उन्माद से फैली हिंसा और झड़प के बाद उभरे तनाव की स्थिति पर काबू पाना हो, आपदा-महामारी हो,या कोई अन्य समस्या, विशेष और बिगड़े हुए हालात को संभालना इनकी विलक्षण प्रतिभा में शामिल रही हैं । वे प्रशासनिक भ्रष्टाचार और अन्याय के प्रबल विरोधी हैं । वे सूबे के किसी भी कोने में कभी भी जाकर जनता और पुलिस संवाद को बेहतर बनाते हैं । वे एक ओर भ्रष्ट तंत्र पर आवश्यक कार्रवाई करते हैं, तो वहीं दूसरी ओर बेहतर कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत भी करने में पीछे नहीं हटते हैं । गुप्तेश्वर पांडेय बिहार सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट "पूर्ण शराबबंदी और नशा मुक्ति" के ब्रांड एम्बेसडर भी माने जाते हैं । उनके द्वारा नशा मुक्ति और शराबबंदी को लेकर चलाये गये अभियान की चर्चा देश भर में हो रही है । वे विभिन्न सेमिनारों और अन्य माध्यमों से इस सामाजिक बुराई के विरुद्ध, लगातार अभियान चला रहे हैं। सोशल मीडिया के द्वारा पुलिस और जनता के बीच परस्पर विश्वास जगाने का, इनका प्रयास राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय है,जिसका अनुसरण अन्य राज्यों में भी किया जा रहा है । वे सोशल साइट्स पर देश के सबसे ज्यादा फॉलो किये जाने वाले आईपीएस अफसर हैं । उनके एक-एक संदेश को लाखों लोग शेयर करते हैं ।वे क्रिमिनल साइकोलॉजी और पुलिस रिफॉर्म पर एक किताब भी लिख रहे हैं । गुप्तेश्वर पांडेय यूके,यूएसए, कनाडा, जापान, थाईलैंड ,मलेशिया सहित कई देशों में भारत के प्रतिनिधिमण्डल के सदस्य के रूप में महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय बैठकों में भाग ले चुके हैं। वे अपने इन सारे अनुभवों का उपयोग वे राज्य को बेहतर करने के प्रयास में लगातार करते रहते हैं ।
फेम इंडिया मैगजीन-एशिया पोस्ट सर्वे के 12 मापदंडों-क्राईम कंट्रोल,लॉ एंड आर्डर में सुधार, पीपुल्स फ्रेंडली,दूरदर्शिता,उत्कृष्ट सोच,जवाबदेह कार्यशैली,अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, सजगता,व्यवहार कुशलता आदि पर किये गये "25 उत्कृष्ट आईपीएस 2020" के वार्षिक सर्वे में बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय, विलक्षण श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं ।