चेतना के जरिए समाज विकास में सक्रिय मल्लिका नड्डा

चेतना के जरिए समाज विकास में सक्रिय मल्लिका नड्डा

चेतना के जरिए समाज विकास में सक्रिय  मल्लिका नड्डा

दिव्यांग बच्चों और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रही डॉ. मल्लिका एक बेहतरीन वक्ता भी हैं।  "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" पर इनके कार्य और 2015 में दिये गये भाषण की  चर्चा देश भर में आज तक है। ये हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध समाजिक संस्था "चेतना" की संस्थापक हैं। पेशे से शिक्षाविद डॉ मल्लिका नड्डा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में इतिहास की प्रोफेसर हैं।  वर्तमान में दिल्ली में द इंटरनेशनल सेंटर फॉर डिस्टेंस एजुकेशन एंड लर्निंग (आईसीडीईओएल) में प्रतिनियुक्ति पर हैं।  मध्य प्रदेश के जबलपुर के प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार में मल्लिका का जन्म 8 मार्च 1964 में हुआ। इनके पिता सुभाष चन्द्र बैनर्जी और मां जयश्री बैनर्जी का जबलपुर में खासा प्रभाव रहा है। डॉ. मल्लिका नड्डा की मां जयश्री बैनर्जी 13वीं लोकसभा में जबलपुर से सांसद रही हैं। इससे पूर्व वे 1977, 1990 और 1993 में मध्य प्रदेश में जबलपुर विधानसभा के लिए निर्वाचित हो चुकी हैं।‌ वे 1977 से 1980 के बीच प्रदेश में बनने वाली गैर कांग्रेसी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रही हैं।‌ मल्लिका नड्डा ने जबलपुर के प्रतिष्ठित सेंट जोसेफ कन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल से स्कूलिंग करने के बाद रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। शुरुआत से ही समाजसेवा में सक्रिय रहीं डॉ मल्लिका छात्र राजनीति से भी जुड़ी रही हैं। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की 1988 से 1990 तक नेशनल जेनरल सेक्रेटरी भी रही हैं। डॉ मल्लिका नड्डा शिक्षाविद, समाजसेवी के साथ पत्नी और मां की भूमिका भी बखूबी निभाती हैं। वे अपने समाजसेवा के कार्यों की वजह से हर क्षेत्र की महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत भी हैं। वे "चेतना" के अलावा भी विभिन्न संस्थाओं के साथ बिलासपुर, शिमला और दिल्ली आदि में समाजसेवा का अनेकों कार्य कर रही हैं। दिव्यांग बच्चों, महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में किये गये कार्यों के लिए डॉ. मल्लिका नड्डा को 2010 में राजीव गांधी मानव सेवा अवार्ड, डेरोजिओ अवार्ड सहित अनेकों राष्ट्रीय, अतंराष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया है।‌ 

फेम इंडिया - एशिया पोस्ट सर्वे के 25 सशक्त महिलाओं के सर्वे में डॉ मल्लिका नड्डा प्रमुख स्थान पर है।