मजबूत एडमिनिस्ट्रेटर की छवि है वरिंदर कुमार शर्मा की

वे पंजाब की मिट्टी में ही पले-बढ़े हैं इसलिये वहां की रग-रग से वाकिफ हैं

मजबूत एडमिनिस्ट्रेटर की छवि है वरिंदर कुमार शर्मा की

जमीन से जुड़े और अपनी भाषा से खासा लगाव रखने वाले आईएएस, हंसमुख स्वभाव के वरिंदर कुमार शर्मा आत्मविश्वास से भरे एडमिनिस्ट्रेटर माने जाते हैं। वे पंजाब की मिट्टी में ही पले-बढ़े हैं इसलिये वहां की रग-रग से वाकिफ हैं। यही कारण है कि वे जहां भी रहे वहां की समस्याओं को जड़ से खत्म करने की दिशा में कार्य किया और काफी हद तक सफल भी रहे। जालंधर जिला भी उनकी दूरदर्शी सोच और ठोस कदमों की वजह से प्रगति की पछ पर दौड़ चला है।

वरिंदर कुमार का जन्म पंजाब में  मोहाली के भागसी गांव में एक शिक्षित परिवार में हुआ। उनके पिता जीत राम शर्मा सरकारी स्कूल में टीचर और मां राम मूर्ति शर्मा प्राइमरी स्कूल में शिक्षिका थीं। इनकी प्रारंभिक पढ़ाई  गांव के सरकारी स्कूल और 10 वीं पटियाला जिले में लाछड़ू गाँव के गवर्नमेंट हाई स्कूल से हुई। उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज चंडीगढ़ से इलेक्ट्रिकल इजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री प्राप्त की। इनकी पत्नी परवीन शर्मा पंजाब में इतिहास की लेक्चरार है।

जमीनी स्तर पर लोगों की सेवा भावना से प्रेरित वरिंदर कुमार शर्मा ने इंजीनियरिंग करने के बाद प्रशासनिक सेवा में जाने का मन बनाया। मातृभाषा से बेहद लगाव की वजह से उन्होंने  यूपीएससी परीक्षा पंजाबी में देने का फैसला किया। वे 2009 बैच में चौथे स्थान पर रहे और उन्हें होम स्टेट यानी पंजाब कैडर मिला। 

वरिंदर कुमार शर्मा की ट्रेनिंग मुक्तसर जिले में हुई। वे जैतो और मनसा के एसडीएम भी रहे है । बाद में उन्होंने बठिंडा में विकास प्राधिकरण और नगर विकास विभाग में अहम पदों की जिम्मेदारी संभाली। बठिंडा में उन्होंने विकास के कई महत्वपूर्ण कार्य करवाये, उन्हें बठिंडा का ही एडिशनल डिप्टी डेवलपमेंट कमिश्नर भी बनाया गया। वे फरवरी 2016 में पंजाब के मानसा जिले के डिप्टी कमीशनर बनाये गये। इस दौरान उन्होंने लैंड रिफॉर्म और सरकारी योजनाओं का लाभ ज्यादातर लोगों तक पहुंचाने की दिशा में मजबूती से कार्य किया। मनसा  जिले में उन्होंने कपास की फसल पर सफेद मक्खी के हमले को नियंत्रित करने के लिए बहुत मेहनत की जिसके परिणामस्वरूप किसानों की आय में खासी वृद्धि हुई।

मार्च  2017 में वे जालंधर के जिला उपायुक्त बनाये गये। उन्होंने जालंधर में शिक्षा, लॉ एंड ऑर्डर, हेल्थ सर्विसेज, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, साफ-सफाई आदि को बेहतर बनाने को अपनी प्राथमिकता बनायी और इसमें काफी हद तक सफल रहे। गवर्नमेंट स्कीमों को लोगों तक पहुंचाना हो या जिले में सड़क की व्यवस्था ठीक करवाना, उन्होंने प्रशासनिक सुधार के लिए निडरता से फैसले लिये। वरिंदर शर्मा ने पीएपी फ्लाईओवर को दोबारा शुरू करवा कर और आदमपुर सिविल एयरपोर्ट को आम लोगों के लिए खुलवा कर जिले के विकास की गति को और तीव्रता प्रदान की। उनके नेतृत्व में जालंधर को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट  के लिए सम्मानित भी किया गया। वर्ष 2019 में आये बाढ के दौरान उन्होंने बाढ प्रभावित क्षेत्र में लोगो की सहायता के लिए दिन रात काम किया।  कोरोना संकट में उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमताओं का उपयोग करते हुए जागरूकता के साथ बेहतर प्रबंधन की मिसाल कायम की। वे तीन साल से जालधंर का डिप्टी कमिश्नर थे, जून 2020 में वरिंदर कुमार शर्मा को लुधियाना के जिला उपायुक्त के तौर पर नियुक्त किया गया है। 

फेम इंडिया और एशिया पोस्ट द्वारा  शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किये गये सर्वे में जालंधर के जिलाधिकारी रहे वरिंदर कुमार शर्मा 'मजबूत' श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।