दक्षता से प्रशासनिक कार्यों को निभाने वाले देबाशीष पांडा

दक्षता से प्रशासनिक कार्यों को निभाने वाले देबाशीष पांडा

भारतीय प्रशासनिक सेवा के सीनियर अधिकारी देबाशीष पांडा वर्तमान में देश के वित्त सचिव हैं। देबाशीष पांडा उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं । 1987 बैच के देबाशीष पांडा वित्त सचिव बनने से पहले वित्तीय सेवा विभाग में विशेष सचिव के तौर पर कार्यरत थे।
देबाशीष पांडा का जन्म 05 जनवरी 1962 ओडिशा में हुआ। उन्होंने ओडिशा से उत्कल यूनिवर्सिटी से भौतिक शास्त्र में एमएससी करने के बाद दिल्ली के जवाहर लालनेहरू यूनिवर्सिटी से इन्वर्मेंटल साइंस में एम फिलकिया । बाद में उन्होंने डेवलमेंट मैनेजमेंट का भी कोर्सकिया ।

देबाशीष पांडा वित्त सचिव बनने से पहले कई अहम पदों पर रह चुके हैं ,ट्रेनिंग  के दौरान उन्होंने बखूबी अपने प्रशासनिक दायित्वों की बारीकियों को समझा। 26 जून 2001  में उन्हें देवरिया का डीएम बनाया गया करीब पांच महीने बाद पांडा को गाजियाबाद का डीएम बनाया गया । लेकिन बीच में ही करीब एक साल के लिए उन्हें प्रशासनिक ट्रेनिंग के लिए फिलीपींस की राजधानी मनीला भेजा गया । वहां से लौटने के बाद देवाशीष  पांडा को ग्रामीण विकास,पीडब्ल्यूडी डिपारम्ट टें में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर कार्य किया। 2005 में पांडा ने पब्लिक एडमिनिस्ट्शरे न में 12 दिनो की ट्निंग अ रे मेरिका में ली।
 वहां सेलौटने के बाद पांडा 2005 स 2007  तक ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट में डिप्टी डायरेक्ट के पद पर रह । 31  मार्च 2007 से  2012 तक हेल्थ  एंड फेमिली वेलफेयर मिनिस्ट्री में ज्वाइंट डायरेक्टर के पद पर रहे  और सेवा में भरपूर योगदान दिया। वे अक्टूबर 2014 में प्रिंसिपल सेक्रेट्री होम बनाए गए । इसके बाद उन्हें ग्रेटर नोएडा अथिरिटी का सीईओ बनाया गया। साल 2018 में उन्हें केद्र में एडिशनल सेक्रेटरी बनाकर वित्त मंत्रालय में भेजा गया । केंद्र सरकार ने दबाशीष पांडा को भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड में निदशक के रूप में नामित किया हैं। वह वित्तीय सेवा विभाग, वित्त मंत्रालय , भारत सरकार, नई दिल्लीमें सचिव हैं। फिलहाल वे वित्त मंत्री निर्मलासीता रमण की कोर टीम के सदस्य हैं ।देश  की इकोनॉमी के बेहतर  बनाने के लिए वित्त संस्थानों को सुदृढ़ करने पर जोर दे  रहे हैं। उनका मानना हैं कि बैकों की स्थिति को  ठीक करने के लिए धैर्य  पूंजी की आवश्यकता हैं जो एक दीर्घकालिक परियोजना हैं । बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिये बांड बाजार को और विस्तृत करने की बात हैं। उस पर सरकार का ध्यान हैं । इस दिशा में और अधिक काम करने की आवश्यकता हैं ताकि एक गतिशील बॉंड बाजार तयैार किया जा सके। देबाशीष पांडा का  मानना हैं कि जरूरी पूंजी उपलब्ध कराने, परियोजनाओं की साख रेटिंग बढ़ाने के लिए एक विकास वित्त संस्थान की आवश्यकता हैं। हम इस दिशा में पूरी सक्रियता के साथ काम कर रह हैं। जल्द  ही इस प्रकार का संस्थान स्थापित होगा। ऐसे में बतौर वित और बैकिंग सचिव देबाशीष पांडा की भूमिका अहम हैं और वे इसके लिए पूरजोर कोशिश भी कर रह हैं ।