नारी शक्ति की मजबूत मिशाल कायम करने में सफल रही है मीनाक्षी लेखी
नारी शक्ति की मजबूत मिशाल कायम करने में सफल रही है मीनाक्षी लेखी
कहते हैं कुछ लोगों को विरासत में बड़े नाम के सहारे रहते हैं और कुछ लोग विरासत में मिले नाम को चार चांद लगा देते हैं। ऐसी ही एक शख्सियत हैं मीनाक्षी लेखी, जिन्होंने साधारण परिवार में जन्म लेकर भी अपने साथ जुड़े नाम को एक असाधारण ऊंचाई पर पहुंचाया है। नयी दिल्ली की प्रतिष्ठित लोकसभा सीट से लगातार दो बार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर सांसद चुनी गयी मीनाक्षी लेखी की गिनती देश की सक्रिय राजनेताओं में होती है और वे अपने क्षेत्र के निवासियों से बहुत करीब से जुड़ी हुई हैं। उन्हें भाजपा के प्रगतिशील और बहुमुखी चेहरे के रूप में जाना जाता है। वे पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं। मीनाक्षी का जन्म 30 अप्रैल 1967 को नयी दिल्ली के एक मध्यम वर्ग के परिवार में हुआ था। उनके पिता भगवान खन्ना और माता अमरलता खन्ना थीं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित हिंदू कॉलेज से वनस्पति विज्ञान में बीएससी की डिग्री हासिल की और इसके बाद कानून में एलएलबी भी किया। उन्होंने 1990 में दिल्ली बार काउंसिल में पंजीकरण करवाया और सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट व ट्राइब्युनल आदि की अदालतों में प्रैक्टिस करती थीं। वे सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल के चुनावों में खासी सक्रिय रहती थीं और एक प्रचार अभियान में उनकी मुलाकात प्रख्यात वकील प्राण नाथ लेखी के पुत्र अमन लेखी से हुई जिनसे बाद में उनकी शादी हो गयी। उन्होंने वकालत के साथ-साथ समाजसेवा के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनायी और राष्ट्रीय महिला आयोग, साक्षी, एनआईपीसीडी और ऐसी कई संस्थाओं से जुड़ीं और महिलाओं की एक सशक्त आवाज के तौर पर पहचानी जाने लगीं। मीनाक्षी लेखी भारतीय जनता पार्टी की सक्रिय सदस्य रहीं हैं और वर्ष 2010 में भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बनीं। वर्ष 2014 में पार्टी ने उन्हें नयी दिल्ली सीट से कांग्रेसी सांसद अजय माकन के खिलाफ टिकट दिया। उन्हें जोरदार जीत हासिल हुई और क्षेत्र में उनकी सेवा व कार्यों को देखते हुए जनता ने उन्हें दोबारा वर्ष 2019 के चुनाव में भी विजयी बनाया। बतौर सांसद उन्होंने पहले दो सत्रों में संसदीय परंपरा को शानदार ढंग से निभाया। उन्होंने सदन में 19 बहसों और 6 विशेष उल्लेख की चर्चाओं में भागीदारी की। वे पर्यावरण, प्रशासन, कोयला, सड़क निर्माण और स्वास्थ्य आदि से जुडे 90 प्रश्न पूछ चुकी हैं। सदन में उनकी उपस्थिति 98 प्रतिशत रही है। उन्होंने तीन सरकारी बिल सदन के पटल पर रखे। उन्हें सार्वजनिक उपक्रमों पर बनी संसदीय कमेटि का अध्यक्ष और सुविधा, जेनरल परपस और विदेश मंत्रालय संबंधी तीनों संसदीय कमेटियों का सदस्य बनाया गया है। मीनाक्षी लेखी न सिर्फ एक उच्च कोटि की वकील हैं बल्कि अच्छी वक्ता और पत्रकार भी हैं। वे साप्ताहिक पत्रिका, 'फोर्थराइट' में अभी भी एक पाक्षिक कॉलम लिखती हैं। टेलीविज़न पर आयोजित होने वाली बहसों में और समाचार पत्रों के विभिन्न आलेखों में उन्होंने कई मुद्दों पर बहस की है। वे विभिन्न मंत्रालयों के साथ एनएचआरसी और लिंग प्रशिक्षण कार्यक्रमों में विभिन्न व्याख्यान भी ले रही है।