पांच सितारा होटल के खिताबी शेफ नारायण कृष्णन बने बेसहारों का सहारा
पांच सितारा होटल के खिताबी शेफ नारायण कृष्णन बने बेसहारों का सहारा
कभी ताज होटल के नामी शेफ रहे नारायण कृष्णन आज समाजसेवा के क्षेत्र में बड़ी पहचान बना चुके हैं. कुकिंग के क्षेत्र में नाम कमाने और कई सम्मान हासिल करने के बाद उन्हें स्विट्जरलैंड में अपने हुनर दिखाने का मौका मिला, लेकिन समय ने ऐसी करवट ली की उन्होंने अपनी जिंगदी भर की मेहनत को पीछे छोड़ बेसहारों की मदद को ही अपने जीवन का मकसद बना लिया. इसके लिये उन्होंने 2003 में अक्षय ट्रस्ट फाउंडेशन की शुरूआत की. जिसके जरिए वह बेसहारा और दिमागी रूप से कमजोर लोगों की देखभाल करते हैं. अक्षय में रहने वाले लोगों को ताजा बना खाना और कपड़ों के अलावा, उनकी स्वास्थय की जरूरतों का भी पूरा ख्याल रखा जाता है. इसके साथ ही उन्हें फिजियोथेरपी और मुख्यधारा में लाने के लिए मानसिक रूप से तैयार भी किया जाता है. नायारण बताते हैं कि वे स्विट्जरलैंड के पांच सितारा रेस्त्रां में अपनी सेवाएं दे रहे थे और सुनहरा भविष्य उनके सामने खड़ा था, लेकिन एक दिन सबकुछ बदल गया. अपने शहर मदुरै में सड़क पर टहलते हुए उनकी नजर एक बूढ़े और लाचार व्यक्ति पर पड़ी जो बहुत भूखा कमजोर और दयनीय स्थिति में था. वे उस बुजुर्ग के पास गये और उसे सहारा दिया. उसी क्षण उऩ्होंने फैसला कर लिया कि अब वह बेसहारों का सहारा बनेंगे. उन्होंने शुरुआत में मदुरै को ही अपनी कर्मस्थली बनाया. अपनी बचत के पैसों से उन्होंने इस सेवा की शुरूआत की. तब वह केवल 30 लोगों की ही देखभाल करते थे लेकिन आज सैंकड़ों की तादाद में लोग अक्षय ट्रस्ट की शरण में सम्मानपूर्वक अपनी जिंदगी जी रहे हैं. उनकी इस सेवा को देखते हुए सीएनएन हीरो 2010 चुना गया. 2012 में कृष्णन पर आधारित मलयालम फिल्म उस्ताद होटल बनी जिसमें मशहूर कलाकार जयप्रकाश ने कृष्णन के किरदार को पर्दे पर बखूबी निभाया.
यूथ आइकॉन " युवा" 2019 के इस सर्वे में फेम इंडिया मैगजीन – एशिया पोस्ट ने नॉमिनेशन में आये 300 नामों को विभिन्न मानदंडों पर कसा , जिसमें सर्वे में सामाजिक स्थिति, प्रतिष्ठा, देश की आर्थिक व राजनीतिक व्यवस्था पर प्रभाव, छवि, उद्देश्य और प्रयास जैसे दस मानदंडों को आधार बना कर किये गये स्टेकहोल्ड सर्वे में नारायण कृष्णन प्रमुख स्थान पर हैं |