त्वरित फैसला लेने में महारथी हैं चर्चित आईपीएस एस एन श्रीवास्तव

त्वरित फैसला लेने में महारथी हैं चर्चित आईपीएस एस एन श्रीवास्तव

त्वरित फैसला लेने में महारथी हैं चर्चित आईपीएस एस एन श्रीवास्तव

तेज-तर्रार और कुशाग्र बुद्धि वाले दिल्ली पुलिस के कमिश्नर सच्चिदानंद श्रीवास्तव मुश्किल परिस्थितियों को संभालने और तुरंत निर्णय लेने में कुशल माने जाते हैं। भारतीय पुलिस सेवा के 1985 बैच के एस एन श्रीवास्तव का कार्यकाल बेहद चर्चित रहा हैं। वे सभी विभागों से बेहतर तालमेल के साथ काम करने के कौशल के लिये भी मशहूर हैं। वैसे तो उनका व्यक्तित्व बेहद सौम्य और मृदुभाषी है, लेकिन वे आतंकवादियों के लिये काल के रूप में जाने जाते हैं और उन्मादी हों या अपराधी, उनके नाम से ही थर्राते हैं।  सचिदानंद श्रीवास्तव का जन्म 1 जुलाई 1967 को हुआ । उनका परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया का रहने  वाला है और उनके पिता सरकारी नौकरी में थे। वे बचपन से ही पढ़ने में तेज रहे थे और गणित में उनकी खासी दिलचस्पी थी। इंटरमीडियेट पास करते ही आईआईटी खड़गपुर में दाखिला मिल गया जहां से उन्होंने बीटेक किया। बाद में उन्होंने एलएलबी की डिग्री भी हासिल की। वर्ष 1985 बैच में यूपीएससी की सिविल सेवा संयुक्त परीक्षा के जरिये उनका चयन आईपीएस में हुआ तो यूटी कैडर मिला। बाद के दिनों में इस कैडर का नाम बदल कर एजीयूएमटी कैडर हो गया। एसएन श्रीवास्तव कॉलेज के दिनों में क्रिकेट के शौकीन थे और फास्ट बॉलर माने जाते थे। उन्होंने पुलिस की सेवा में भी अपने उसी तेवर को बरकरार रखा और अपराधियो पर हमेशा आक्रामक रहे। शुरुआत से ही मामले की तह तक जाने वाले इस आईपीएस अफसर ने दिल्ली के अलावा नॉर्थ ईस्ट और गोवा में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। दिल्ली पुलिस के अलावा वे एसपीजी में भी रहे हैं और मिजोरम में डीआईजी भी रह चुके हैं। वे दिल्ली पुलिस में ट्रैफिक को एक नया आयाम देने के लिये भी जाने जाते हैं। 2010 के दशक में तब सुर्खियों में आये जब उन्होंने दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल का नेतृत्व किया जिसने इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी नेटवर्क पर नकेल कसने में अहम भूमिका निभायी। ये वही संगठन था जो बाटला हाउस एनकाउंटर और गुजरात व यूपी में धमाकों व हमलों के लिये जिम्मेदार था। इसके अलावे उनकी एक और सनसनीखेज उपलब्धि में आईपीएल क्रिकेट मैचों में स्पॉट फिक्सिंग का भंडाफोड़ करना भी शामिल है।दिल्ली पुलिस में शानदार कार्यकाल के बाद, एसएन श्रीवास्तव को सीआरपीएफ के वेस्टर्न कमांड का एडीजी बनाया गया, जहाँ उन्होंने जम्मू-कश्मीर की कमान संभाली। उनकी नियुक्ति ऐसे समय पर की गयी थी जब आतंकियों के पोस्टर ब्वॉय कहे जाने वाले बुरहान वानी को पुलिस ने मार गिराया था और घाटी में तनाव पसरा हुआ था। सीआरपीएफ को पूरे कश्मीर में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी और वे इसमें बेहद सफल भी रहे। उनकी टीम ने वर्ष 2017 में सेना, बीएसएफ, इंटेलिजेंस ब्युरो और प्रदेश की पुलिस फोर्स के साथ मिलकर बहुचर्चित ऑपरेशन ऑल आउट चलाया जो काफी सफल रहा। एसएन श्रीवास्तव की छवि शुरुआत से ही सख्त, रिजल्ट ओरियेंटेड और संकट में धैर्य न खोने वाले अधिकारी की रही है। जब वर्ष 2020 की शुरुआत में दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे भड़कने से हालात बेकाबू हो उठे तो इन्हें फौरन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस बुलाया गया। गृह विभाग द्वारा जारी विशेष आदेश के माध्यम से उन्हें दिल्ली पुलिस में स्पेशल पुलिस कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) बनाया गया फिर एक महीने बाद उन्हें दिल्ली पुलिस कमिश्नर जैसे महत्त्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंप गयी। 

फेम इंडिया मैगजीन - एशिया पोस्ट सर्वे के 12 मापदंडों  पर किये गये "25 उत्कृष्ट आईपीएस 2020" के वार्षिक सर्वे में दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव, चर्चित श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।