विश्वसनीयता और आधुनिकता का संगम हैं मनोज सोंथालिया
विश्वसनीयता और आधुनिकता का संगम हैं मनोज सोंथालिया
दक्षिण भारत के सभी राज्यों में ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की धारदार पत्रकारिता की परंपरा निभा रहे न्यू इंडियन एक्सप्रेस के करिश्माई प्रणेता हैं मनोज कुमार सोंथालिया। उनकी पहचान एक विश्वसनीय मीडिया हाउस के चेयरमैन के साथ साथ समाज निर्माण में बड़ी भूमिका निभाने वाले शख्स के तौर पर भी है। वे बालाजी कलराज समिति समेत कई सामाजिक संस्थाओं और स्कूलों के ट्रस्टी भी हैं और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मॉस कम्युनिकेशन के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स में रहने के साथ ही केंद्र सरकार के कई मंत्रालयो की समतियों के भी सदस्य रह चुके हैं। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की शुरुआत देश के प्रमुख मीडिया सरताज रहे स्व. रामनाथ गोयनका जी ने करीब 80 वर्षों पहले की थी। वर्ष 1991 में उनकी मृत्यु के कुछ वर्षों के पश्चात एक्सप्रेस ग्रुप बंटवारे की प्रक्रिया से गुजरने लगा। सन् 1999 में गोयनका परिवार और एक्सप्रेस समूह दो हिस्सों में बंट गया ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ और ‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ के रूप में। जहां एक तरफ मुम्बई स्थित द इंडियन एक्सप्रेस उत्तर भारतीय संस्करण बना वहीं चेन्नई स्थित द न्यू इंडियन एक्सप्रेस दक्षिण भारत के लिए एक नयी पहचान के साथ शुरू हुआ। मनोज कुमार सोंथालिया को इंडियन एक्सप्रेस का दक्षिण भारतीय संस्करणों का स्वामित्व मिला और उन्होंने लगन, मेहनत के साथ-साथ कंटेंट की बेमिसाल समझ की बदौलत द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को सफलता की नयी उचाइयों तक कामयाबी से पहुंचाया। मनोज सोंथालिया ने मीडिया प्रबंधन अपने नाना रामनाथ गोयनका के मार्गदर्शन में सीखा। वे शुरुआत से ही इंडियन एक्सप्रेस के दक्षिण भारतीय राज्यों के संस्करणों के प्रसार , प्रबंधन और संपादकीय कार्य से जुड़े रहे और 36 वर्ष की आयु में एक्सप्रेस पब्लिकेशंस (मदुरै) लिमिटेड के पूर्ण स्वामित्व के बाद उन्होंने गोयनका जी के सान्निद्ध्य में पायी योग्यता और प्रबंधन क्षमता से नित नये नये संस्करण शुरू किये। आज तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल और ओडिशा के 25 केंद्रों से अंग्रेजी में प्रकाशित डेली न्यूज़ पेपर न्यू इंडियन एक्सप्रेस प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता के साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक नये मुकाम तक पहुचने में सफल है। एक्सप्रेस पब्लिकेशंस (मदुरै) लिमिटेड दक्षिण के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अंग्रेजी दैनिक न्यू इंडियन एक्सप्रेस के पब्लिकेशन के साथ नई दिल्ली से द सन्डे स्टैंडर्ड, तमिल दैनिक दीनामनी, सिनेमा एक्सप्रेस (तमिल), मलयालम वरुका (मलयालम) और सखी (कन्नड़) सहित कई भाषाओ में कई वीकली, मंथली मैगज़ीन व सप्लीमेंट का भी प्रकाशन करता है। मनोज सोंथालिया ने 2007-08 में डेली न्यूज़ पेपर न्यू इंडियन एक्सप्रेस के कंटेंट, लेआउट और डिजाइन में कई बड़े बदलाव किये जो न्यूज़ पेपर इण्डस्ट्रीज के लिए ट्रेंड सेटर साबित हुए। उन्होंने एक्सप्रेस की परंपरागत निर्भीक व ऑबजेक्टिव रिपोर्टिंग के साथ-साथ स्थानीय कवरेज व नॉन पॉलिटिकल खबरों पर भी ध्यान दिया। रोजगार से लेकर लाइफस्टाइल तक की खबरों के जरिये पाठकों में अपनी पैठ बनायी। रीडर्स के लिए न्यू इंडियन एक्सप्रेस राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषयों और विकासात्मक मुद्दों, समाज, राजनीति, साहित्य, कला, सिनेमा, यात्रा, जीवन शैली, खेल, व्यवसाय, वित्त,जीवन, आत्म-विकास और मनोरंजन के क्षेत्र की खबरों के लिये विश्वस्त माध्यम है वही इसकी वेबसाइट पर कंटेंट की विश्वसनीयता की वजह से दुनिया भर से हाई एनआरआई ट्राफिक बना रहता है। इन्होंने एनुअल सबस्क्रिप्शन पर बीमा योजना शुरू करवाई जो काफी सफल रही। वे देश भर के नामी पत्रकारों, रिसर्चर्स व ब्लॉगर्स के लिए मजबूत प्लेटफॉर्म क्रियेट करने में भी सफल रहे हैं। देश के 26% रीडर्स पर मजबूत पकड़ रखने वाले न्यू इंडियन एक्सप्रेस के चेयरमैन मनोज कुमार सोंथालिया को फेम इंडिया मैगज़ीन – एशिया पोस्ट के मीडिया सर्वे 2018 में देश में प्रिंट मीडिया के प्रमुख सरताज के तौर पर पाया गया है।