बेहतरीन कार्यशैली वाले बेजोड़ आईपीएस हैं परमबीर सिंह
बेहतरीन कार्यशैली वाले बेजोड़ आईपीएस हैं परमबीर सिंह

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रहे परमबीर सिंह 1988 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं। आतंकवादी हों या अंडरवर्ल्ड डॉन या फिर माफिया , इस जांबाज और हुनरमंद पुलिस अधिकारी के नाम की दहशत सब में रहती हैं। परमवीर सिंह बेजोड़ कार्यशैली और क्राइम कंट्रोल के लिए जाने जाते है। 20 जून 1962 को एक शिक्षित परिवार में जन्मे परमबीर सिंह का परिवार मूल रूप से हरियाणा के फ़रीदाबाद जिले के पावटा मोहब्बताबाद गाँव से है। उनके पिता होशियार सिंह भड़ाना हरियाणा सरकार में अधिकारी थे। उनकी शिक्षा मुख्य तौर पर चंडीगढ़ में हुई। उन्होंने सोशियोलॉजी से एमए किया जिसमें पूरी चंडीगढ़ युनिवर्सिटी में उनका पहला स्थान था। वर्ष 1988 में उनका चयन आईपीएस में हुआ तो उन्हें महाराष्ट्र कैडर मिला। पुलिस सेवा की शुरुआत में परमबीर सिंह, जिला चंद्रपुर और जिला भंडारा के एसपी रह चुके हैं। वे मुंबई के कई पुलिस जिलों में डीसीपी रह चुके हैं और हर तरह के अपराध पर उनकी पैनी पकड़ है। वे एटीएस में डीआईजी के पद का कार्यभार भी संभाल चुके हैं। वे महाराष्ट्र के लॉ एंड ऑर्डर के एडिशनल डीजीपी का पद भी संभाल चुके हैं। उन्हे 90 के दशक में स्पेशल ऑपरेशन स्क्वॉड यानी 'एसओएस का गठन करने के लिये भी जाना जाता है। इस फोर्स ने अंडरवर्ल्ड और अपराधियों का जितना एनकाउंटर किया है वो एक रिकॉर्ड है। अंडरवर्ल्ड डॉन के विरुद्ध एसओजी ने कई बड़े और सटीक ऑपरेशन किये । परमबीर सिंह को सख्त और तेज तर्रार ऑफिसर माना जाता है जो किसी भी परिस्थिति को बखूबी हैंडल करना जानतें हैं । ठाणे के पुलिस कमिश्नर रहते हुए उन्होंने अपने कार्यकाल में एक हाई प्रोफाइल फर्जी कॉल सेंटर रैकेट का पर्दाफाश किया था। ये रैकेट अमेरिकी नागरिकों को अपने जाल में फंसाता था जिसकी वजह से एफबीआई की नजरों में था। कॉल रैकेट आरोपी सागर का खुलासा भी परमबीर सिंह ने ही किया था। नवी मुंबई में हुए दंगों के दौरान वे खुद दंगाग्रस्त इलाकों में गये और सभी संप्रदाय के लोगों को समझा-बुझा कर हिंसा को काबू में किया था। अपने करियर में कई उपलब्धियां हासिल करने वाले परमबीर सिंह ने पुणे में अर्बन नक्सल नेटवर्क का भी खुलासा किया था। अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर की गिरफ्तारी ठाणे पुलिस के क्राइम ब्रांच उनके ही नेतृत्त्व में की थी। परमबीर सिंह मुंबई के कई जोन्स के डीसीपी का पदभार संभाल चुके हैं साथ ही मुंबई के वेस्टर्न रीजन जैसे हाइप्रोफाइल इलाके में उन्होंने एडिशनल कमिश्नर का पद भार भी संभाला हैं। वे महाराष्ट्र और मुंबई को क्राइम फ्री बनाने की दिशा में हमेशा सक्रिय रहे हैं। परमबीर सिंह को कई पुरस्कार व पदकों से सम्मानित हो चुके हैं जिनमें मेधावी सेवा व विशिष्ट सेवा के लिये राष्ट्रपति पदक शामिल हैं। उनकी पत्नी सविता सिंह एक चर्चित वकील हैं और भाई मनबीर सिंह हरियाणा प्रादेशिक सर्विस कमीशन के सबसे युवा और सबसे लंबे अरसे तक सेवा करने वाले चेयरमैन रहे हैं। वे महाराष्ट्र आईपीएस क्रिकेट टीम के कप्तान के तौर पर कई ट्रॉफियां जीत चुके हैं।
फेम इंडिया मैगजीन - एशिया पोस्ट सर्वे के 12 मापदंडों - पर किये गये "25 उत्कृष्ट आईपीएस 2020" के वार्षिक सर्वे में मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह, बेजोड़ श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।