भविष्य की संभावनाओं के योजनाकार जिलाधिकारी डॉ. पीयूष सिंगला
आईएएस बनने से पहले फोर्टिस अस्पताल में डॉक्टर रह चुके हैं ।

पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन के हिमायती, भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए विकास की योजना बनाने में माहिर डॉ पीयूष सिंगला जम्मू कश्मीर कैडर के 2012 बैच के आईएएस हैं। वे वर्तमान में उधमपुर जिले के कलेक्टर हैं। उन्होंने अपनी पहचान एक ऐसे प्रशासक की बनायी है जो न सिर्फ फ्युचरिस्टिक प्लानिंग करते हैं बल्कि उनपर तत्परता से अमल भी करते हैं।
पीयूष सिंगला का जन्म 1 नवंबर 1986 को पंजाब के पटियाला में हुआ। उनकी शुरुआती पढ़ाई मोहाली के ज्ञान ज्योति पब्लिक स्कूल में हुई। इंटरमीडियेट के बाद कुशाग्र बुद्धि पीयूष का चयन मेडिकल में हो गया और उन्होंने गवर्नेमेंट मेडिकल कॉलेज पटियाला से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। 2010 में इंटर्नशिप के दौरान सामाजिक विकास को दिशा देने के मकसद से प्रशासनिक सेवा में आने का मन बनाया। वे बतौर डॉक्टर फोर्टिस हॉस्पिटल में भी पोस्टेड रहे। 2012 में प्रशासनिक सेवा के लिए चुन लिये गये और उन्हें जम्मू कश्मीर कैडर मिला।
पहली पोस्टिंग में डॉ पीयूष सिंगला जम्मू में रेवन्यू डिपार्टमेंट में असिस्टेंट कमिश्नर बनाये गये। करीब एक साल के बाद उन्हें जम्मू का एसडीएम बनाया गया। डॉक्टर पीयूष ने इस दौरान प्रशासनिक सुधार के साथ भू-राजस्व के क्षेत्र में अहम सुधार किये। फरवरी 2016 में उन्हें माता श्री वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का एडिशनल सीईओ बनाया गया। श्राईन बोर्ड में नियुक्ति के दौरान उन्होंने वहां के तत्कालीन सीईओ ए के साहू के साथ मिलकर माता वैष्णो देवी की यात्रा और व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में सराहनीय योगदान दिया। उन्होंने श्राइन बोर्ड स्पोर्ट्स कांप्लेक्स, कटरा को खेलों के मुख्य केंद्र के तौर पर विकसित करवाने के साथ ही क्षेत्रीय शिक्षण संस्थानों में टैलेंट हंट से ट्रायल के जरिये खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए प्रशिक्षित करवाने पर भी फोकस किया। उनके कार्यों की काफी प्रशंसा भी हुई।
डॉ. पीयूष सिंगला को बतौर डिप्टी कमिश्नर गांदरबल जिले की कमान सौंपी गयी। इस दौरान डॉक्टर सिंगला ने कठिन परिस्थितियों में श्री अमरनाथजी यात्रा का सफल संचालन करते हुए गांदरबल को तरक़्क़ी की नई ऊँचायियों पर ले कर गए । गांदरबल में उन्हें ‘वर्ल्ड टॉलेट डे’ पर भारत के टॉप 10 कलेक्टरों में शुमार किया गया। इसके बाद उन्हें कठुआ जिले की जिम्मेदारी सौंपी गयी जहां उन्होंने डेवलपमेंट, लॉ एंड ऑर्डर,पब्लिक ग्रीवांस सॉल्युशन और इम्पलॉयमेंट आदि विषयों पर उत्कृष्ट कार्य किया। साथ ही उन्होंने ग्रामीण लोगों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने में और शांति व्यवस्था को कायम रखने को प्राथमिकता दी।
जुलाई 2019 में डॉ. पीयूष सिंगला को उधमपुर का डिप्टी कमिशनर बनाया गया। यहाँ उन्होंने ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के विकास पर जोर दिया। जिले में स्वच्छता मिशन, गांवों को सड़को से जोड़ने के कार्य, प्रधानमंत्री रोजगार योजना, जीविका प्रोजेक्ट और पॉल्यूशन कंट्रोल पर बेहतर प्रदर्शन किया। उन्होंने उधमपुर जिले में ग्रामीणों की समस्या को जानने के लिए कई पंचायतों में अधिकारियों के साथ रात में रुककर हालत को समझने के प्रयास किये। ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने के लिए उधमपुर को साल 2020 में ‘सकून प्रोजेक्ट’ के लिए नैशनल ई गवर्नैंस गोल्ड मेडल हासिल हुआ। वे इसी साल बेस्ट डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर चुने गये। कोरोोना काल में भी डॉ. पीयूष सिंगला के कार्यों की जमकर तारीफ हो रही है। 'राशन ऑन व्हील' उनका एक ऐसा प्रयोग था जिसकी चर्चा देश भर में हुई। अस्पतालों में ट्रूनेट मशीन लगावाना, गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करवाना आदि पर भी अच्छा कार्य हो रहा है। कोरोना काल में बोर्ड में पास होने वाले बच्चों के लिए 'बैक टू स्कूल' के तहत एडमिशन की शुरुआत करवायी।
फेम इंडिया और एशिया पोस्ट द्वारा शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किये गये सर्वे में जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के डिप्टी कमिश्नर डॉ पीयूष सिंगला 'भविष्यवादी' श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।