युवा जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने तेज-तर्रार कार्यशैली से बनायी पहचान

बचपन से ही पढ़ने-लिखने में तेज रहे शशांक इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडल हासिल कर चुके हैं।

युवा जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने तेज-तर्रार कार्यशैली से बनायी पहचान

समाज के आखिरी व्यक्ति तक विकास को पहुंचाने की मंशा रखने वाले तेज-तर्रार और जवाबदेह अधिकारी के तौर पर फेमस शशांक शुभंकर वर्तमान में बिहार के समस्तीपुर के जिलाधिकारी हैं। वे समाज के प्रति अपने दायित्वों को समझने और उसके मुताबिक कार्य करने के लिए जाने जाते हैं। शुरुआत से ही वे जहां भी रहे विकास का पर्याय कहे गये और अपने स्वभाव के कारण लोकप्रिय बने रहे। 

शशांक का जन्म 11 सितंबर 1991 को हुआ। उनका परिवार कई पीढ़ियों से प्रशासन में है। दादा स्व. सिद्धेश्वरी नाथ सम्मिलित बिहार-झारखंड के प्रशासनिक अधिकारी थे और पिता अनिल कुमार सिन्हा झारखंड सरकार में अधिकारी हैं। शशांक शुरू से बेहद लगनशील और पढ़ाई में अच्छे रहे हैं। डीएवी पब्लिक स्कूल रांची के स्टूडेंट रहे और बचपन में ही उन्होंने सिविल सर्विसेज में जाने का लक्ष्य निर्धारित कर लिया था। छठी कक्षा में राष्ट्रीय स्तर पर हुए साइंस ओलिंपियाड में उन्होंने दूसरा स्थान हासिल किया था। जब नयी दिल्ली से अवॉर्ड लेकर वापस लौटे और पत्रकारों ने भविष्य के विषय में सवाल पूछा तो नन्हे शशांक ने उत्तर दिया कि उसे आईएएस बनना है। वे 10वीं और 12वीं मे बैच टॉपर भी रहे। वीआईटी, वेल्लोर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडल के साथ बीटेक करने के बाद वे सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गये। 2014 बैच में कामयाबी मिली और वे बिहार कैडर के आईएएस बने। शशांक शुभंकर की पत्नी उदिता सिंह भी बिहार कैडर की 2014 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। 

अगस्त 2015 में यूथ अफेयर्स  एंड  स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री में शशांक असिस्टेंट सेक्रेटरी बनाये गये। बाद में उन्हे डीडीसी आरा बनाया गया। आरा में डीडीसी रहते हुए उन्होंने सरकारी योजनाओं को आगे बढ़ाया और काफी सुर्खियां बटोरी। शशांक शुभंकर को अगस्त 2019 में समस्तीपुर के जिलाधिकारी का दायित्व दिया गया। उन्होंने समस्तीपुर में विकास कार्यों  को तय समय सीमा के अंदर पूरा करने को प्राथमिकता दी। आम लोगों के लिए सहजता से उपलब्ध होना और उनकी समस्या के त्वरित निदान का प्रयास उन्हे लोकप्रिय जिलाधिकारी के तौर पर स्थापित करता है। शशांक शुभंकर समस्तीपुर में लॉ एंड ऑर्डर, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता आदि जनसरोकार के कार्य में बेहतर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने जिले में गन्ना किसानों के बकाये के जल्द भुगतान को सुनिश्चित करने को लेकर पहल की। समस्तीपुर में खुले में शौच पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने के कारण वे लोगों के चहेते बन गये हैं। जिला शिशु गृह में बच्चों के स्पेशल केयर की व्यवस्था करवाने के शशांक शुभंकर के प्रयास को बेहद सराहनीय माना गया।
 
उन्होंने जिले में कोरोना के  संक्रमण पर रोक के लिए कई सरहानीय कदम उठाये, जिनमें आइसोलेशन, टेस्टिंग और क्वारंटाइन सेंटर की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से बराबर जानकारी लेना, जागरुकता पर विशेष ध्यान देना साथ ही हमेशा आम लोगों की बेहतरी के लिए 24X7 मुस्तैद रहना इस युवा जिलाधिकारी की खासियत है। 

फेम इंडिया और एशिया पोस्ट द्वारा  शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किये गये सर्वे में समस्तीपुर  के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर को 'युवा' श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।