जवाबदेह - सुलझी कार्यशैली और जवाबदेही के कारण पहचाने जाते हैं दीपक अग्रवाल

जवाबदेह - सुलझी कार्यशैली और जवाबदेही के कारण पहचाने जाते हैं दीपक अग्रवाल

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के आयुक्त दीपक अग्रवाल को एक काबिल आईएएस अधिकारी माना जाता है , कंट्रोवर्सी से दूर सुलझी हुई कार्यशैली उनकी खासियत है । उत्तर प्रदेश कैडर के 2000 बैच के ब्यूरोक्रट दीपक अग्रवाल दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से साइंस ग्रेजुएट हैं , उन्होंने अमेरिका के करनेगी मेलो  यूनिवर्सिटी से मास्टर्स इन साइंस , पब्लिक पालिसी एंड मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट भी किया है ।

 

वर्तमान में वाराणसी के डिविजनल कमिश्नर बनने से पहले वे सहारनपुर के डिविजनल कमिश्नर थे । मूल रूप से धनबाद निवासी दीपक का जन्म 10 अक्टूबर 1974 को समृद्ध मारवाड़ी परिवार में हुआ , उन्होने शुरू से ही सिविल सर्विस में जाने का मन बना लिया था । हिंदी और अंग्रेजी भाषा की अच्छी समझ रखने वाले अग्रवाल ज्वाइंट मजिस्ट्रेट , मेरठ के तौर पर हुई । वहां के उनके कार्यकाल को देखते हुए उन्हें चीफ डेवलपमेंट आफिसर के रूप में गाजियाबाद भेजा गया , जहां उन्होंने अच्छा कार्य किया ‌ । 2005 में उन्हे महाराजगंज का डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बनाया गया , उसके बाद लगातार उन्हे राज्य के महत्त्वपूर्ण जिलों का जिलाधिकारी नियुक्त किया जाता रहा , जिसमें गाजियाबाद , सीतापुर, मुरादाबाद , फैजाबाद के साथ ही नोएडा ( गौतमबुद्ध नगर ) का भी जिलाधिकारी बनाया गया ‌। उन्होंने हर पद पर अपनी जिम्मेदारी बेहतर तरीके से निभाई ‌, इस दौरान वे यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी के चीफ एक्जीक्यूटिव आफिसर भी बनाए गए ।‌ इसी दौरान उन्हें करीब एक वर्ष के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर केंद्रिय राज्य मंत्री ( मानव संसाधन विकास) महेंद्र नाथ पांडेय का प्राइवेट सेक्रेटरी भी बनाया गया। वहां से लौटने के बाद उन्हें पुनः राज्य सरकार ने जिलों में महत्वपूर्ण कार्यभार सौंपा ।

वर्ष मार्च 2018 में उन्हे राज्य के सबसे महत्वपूर्ण डिविजनों में एक वाराणसी डिविजन‌ का कमिश्नर बनाया गया । इनकी नियुक्ति के समय वहां कई चुनौतियां थीं , जिसमें केंद्र और राज्य की योजनाओं को तय समय में पूर्ण गुणवत्ता के साथ लागू करवाने से लेकर बनारस की ट्रेफिक की समस्या , वरूणा कारिडोर का मामला और सबसे प्रमुख समस्या काशी विश्वनाथ मंदिर के विस्तारीकरण की योजना को सुचारू बनाए रखना प्रमुख था । दीपक अग्रवाल ने अपने करीब डेढ़ साल के कार्यकाल में शानदार गवर्नेंस और बेहतर कार्यकुशलता का परिचय दिया है। देश के सबसे हाईप्रोफाइल संसदीय क्षेत्र में दीपक अपनी जवाबदेह कार्यशैली की छाप छोड़ चुके हैं।