हौसलों की उंची उड़ान का नाम हैं सुमिता मिश्रा

हौसलों की उंची उड़ान का नाम हैं सुमिता मिश्रा

‘वसुधा का नेता कौन हुआ? भूखण्डविजेता कौन हुआ? अतुलित यश क्रेता कौन हुआ? नव-धर्म प्रणेता कौन हुआ? जिसने न कभी आराम किया, विघ्नों में रहकर नाम किया।’ भले ये पंक्तियां राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की याद में आईएएस अधिकारी सुमिता मिश्राने अपने फेसबुक पर शेयर किया हैं लेकिन इन पंक्तियों से इनकी प्रशासनिक सेवा के नजरिए की झलक मिलती हैं। सुमिता मिश्रा में राष्ट्र सेवा की भावना गजब की हैं। ये विषम परिस्थिति में देश के लिए कार्य करने में विश्वास रखती हैं। सुमिता मिश्रा 1990 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। 

सुमिता मिश्रा तेजतर्रार और सादगी से  कार्य करने के लिए जानी जाती हैं फिलहाल वे प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी की टीम की अहम सदस्य हैं और आर्थिक सलाहकार परिषद में संयक्तु सचिव के पद पर हैं । प्रशासनिक अधिकारी सुमिता मिश्रा का जन्म 30 जनवरी 1967 को उत्तर प्रदेश  के लखनऊ में हुआ। सुमिता की पड़ाई लखनऊ के लोरेटो कॉन्वटें स्लकू में हुई । उन्होंने अर्थशास्रमें बीए और एम की पढ़ाई लखनऊ यूनिवर्सिटी से  पूरी की । वे गोल्ड मेंडलिस्ट रही और हरियाणा के कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से  इकोनॉमिक्स में पीएचडी की उपाधि हासिल की। उन्होंने इस विश्वविद्यालय से लीडरशिप और पब्लिक पालिसी पर कोर्स पूरा किया। सुमिता मिश्रा को यूपीएससी की परीक्षा में 1990 में सफलता मिली और हरियाणा कैडर मिला ।
आईएएस अधिकारी सुमिता मिश्रा ज्वाइंनिंग के बाद अंबाला में एसडीओ बनाई गई । इसके बाद उन्हें जिला ग्रामीण विकास एजेंसी कुरुक्षेत्र में एडीसी बनाया गया । 1996-97 में वे  कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की रजिस्ट्रार रही । इसके बाद वे  हरियाणा अरबन डेवलपमेंट अथिरिटी ,फरीदाबाद मे प्रशासक के पद पर रही । 1998 - 99 में सुमिता मिश्रा हरियाणा के साइंस एड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट में डायरेक्टर बनाई गई । इसके साथ वे  कई अहम पदों पर रही । 1999 में पहली बार उन्हें डिप्टी कमिश्नर रेवाड़ी बनाया गया । वे  बीते 31 साल की प्रशासनिक करियर में हरियाणा सरकार में अहम पदों पर जिम्मेदारियां संभाल रही हैं। प्रशासनिक अनुभव की धनी सुमिता मिश्रा हरियाणा में महिला एवं बालविकास विभाग, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट , हरियाणा कोऑपरेटिव फेडरशेन हरियाणा टूरिज्म में मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर रह चुकी हैं। वे हरियाणा  के सीएम मनोहर लाल खट्टर की अतिरिक्त प्रधान सचिव रही हैं। 2018 में उनकी केंद्र में प्रतिनियुक्ति हुई । नीति आयोग में प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद में संयक्तु सचिव हैं और केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों को समझदारी और मजबूती के साथ आगे  बढ़ा   रही हैं ।
आईएएस अधिकारी सुमिता मिश्रा की साहित्य में काफी रुचि हैं । इसका अंदाजा इसी सेलगाया जा सकता हैं कि उन्होंने चार किताबें लिखीं हैं। उनकी पहली पुस्तक ’ए लाइफ ऑफलाइट’ कविता संग्रह हैं जबकि दूसरी किताब ‘वक्त के उजाले’ और तीसरी ‘जरा सी धूप’ हैं । वहीं चौथी किताब इंग्लिश में हैं और ’पेट्रिकर’ नाम की इस किताब में 51 कविताएं हैं ।