समुंदर सा विशाल है टाइकून ऑफ टुमॉरो करण अडाणी का हौसला

समुंदर सा विशाल है टाइकून ऑफ टुमॉरो करण अडाणी का हौसला

समुंदर सा विशाल है टाइकून ऑफ टुमॉरो करण अडाणी का हौसला

ऊंचे हौसलों वाले करण ने विशाल सागर के तटों पर ऐसी पकड़ बनायी है कि उनका नाम सबसे आगे पहुंच गया है.  कम उम्र में ही उनके नेतृत्व में अडानी पोर्ट एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन नाम की कंपनी बंदरगाहों का संचालन करने वाली निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी बन गयी. भारत से होने वाले समुद्री कारोबार का 15 प्रतिशत उनके बंदरगाहों से होता है. अडानी पोर्ट्स ने वित्त वर्ष 2018-19 में 20 करोड़ टन माल की आवाजाही का प्रबंधन किया है जो एक रिकॉर्ड है।7 अप्रैल 1987 को जन्मे करण की शिक्षा पहले अहमदाबाद, फिर अमेरिका के पर्ड्यू विश्वविद्यालय में हुई. तीन साल मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के बाद 2009 में उन्होंने मूंदड़ा पोर्ट से अडाणी पोर्ट स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) कंपनी ज्वाइन की. उस समय कंपनी के पास सिर्फ दो पोर्ट थे. जल्दी ही उन्हें बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर्स में शामिल किया गया और वे मैनेजिंग डायरेक्टर बनाये गये. उनके नेतृत्व में एपीएसईजेड 78000 करोड़ रुपए की पूंजी वाली कंपनी बन चुकी है. भारत में  को पोर्ट के क्षेत्र में नयी बुलंदियों तक पहुंचाने वाले करण अडाणी बंदरगाहों के जरिये होने वाले अंतर्राष्ट्रीय कारोबार के क्षेत्र में बड़ा नाम बन चुके हैं.  इस कामयाबी पर वे कहते हैं कि उऩ्होंने समय से पहले ही अपना लक्ष्य हासिल किया है. उनका इरादा इसे 2020 तक पूरा करने का था लेेकिन तकनीक के इस्तेमाल और संसाधनों के अधिकतम दोहन से  इसे पहले ही पूरा करना संभव हुआ. 2013 में कंपनी की कमान उनके हाथ आने से पहले यह 10 करोड़ टन था. करण की उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें प्रतिष्ठित फ़ोर्ब्स इंडिया मैगजीन द्वारा उन्हें 22 प्रतिभाशाली हस्तियों में चुना गया. उन्हें टाइकून्स ऑफ टुमॉरो के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. करने खुले दिल और स्पष्ट विचारों वाले युवा उद्यमी हैं. उनका मानना है कि स्टार्टअप के मुकाबले किसी भी तरह के पारिवारिक कारोबार को चलाना ज्यादा आसान होता है.

यूथ आइकॉन " युवा" 2019 के इस सर्वे में फेम इंडिया मैगजीन – एशिया पोस्ट ने नॉमिनेशन में आये 300 नामों को विभिन्न मानदंडों पर कसा , जिसमें सर्वे में सामाजिक स्थिति, प्रतिष्ठा, देश की आर्थिक व राजनीतिक व्यवस्था पर प्रभाव, छवि, उद्देश्य और प्रयास जैसे दस मानदंडों को आधार बना कर किये गये स्टेकहोल्ड सर्वे में करण अडाणी प्रमुख स्थान पर हैं |