सपनों को हकीकत में बदलने वाले दूरदर्शी जिलाधिकारी हैं वैभव श्रीवास्तव

पराली प्रबंधन के लिए बनायी गयी उनकी दूरदर्शी योजना को काफी सराहा जा रहा है।

सपनों को हकीकत में बदलने वाले दूरदर्शी जिलाधिकारी हैं वैभव श्रीवास्तव

सपने देखना और उसे साकार कर लेना हर किसी के वश में नही होता, परन्तु सपने को हकीकत में परिवर्तित करने का जज्बा रखने वाले इंसान कम ही होते हैं। ऐसे ही एक दूरदर्शी अधिकारी हैं वैभव श्रीवास्तव जो जहां भी तैनात रहे, वहां विकास कार्यों से ऐसा सकारात्मक माहौल तैयार किया कि लोग उनकी प्रशंसा करते नहीं थकते।

बचपन से लक्ष्य के प्रति सकारात्मक वैभव  शिक्षित और संभ्रांत परिवार से हैं। उनके पिता कृष्ण कुमार श्रीवास्तव पीडब्ल्यूडी के रिटायर्ड चीफ इंजीनियर, बड़े भाई इंजीनियर,बड़ी बहन डायरेक्टर स्पोर्ट्स (छत्तीसगढ़) और पत्नी नेहा प्रकाश 2012 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वैभव की माँ मैथ्स से एमएससी डिग्री प्राप्त होम मेकर हैं।

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 1 जुलाई 1981 को जन्मे वैभव का बचपन से ही मैथ्स से लगाव रहा । बोर्ड की परीक्षा में उन्हें मैथ्स में 100 में 100 फीसदी अंक आये। लेकिन मां और बड़ी बहन की प्रेरणा से उन्होंने सिविल सर्विसेज के लक्ष्य को पाने के लिए ह्यूमनिटी से ग्रेजुएशन किया। उन्होंने हिंदी से एमए में गोल्ड मेडल भी प्राप्त किया।

यूपीएससी में सफल होने से पहले वैभव मध्यप्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन में सफल हुए। वे मध्यप्रदेश में जिला जेल सुपरिंटेंडेंट, डीएसपी और आईआरटीएस भी रहे हैं। वैभव श्रीवास्तव  2009 बैच में आईएएस बने। उन्होंने ट्रेनिंग के बाद कई अहम पदों की जिम्मेदारी निभाते हुए प्रशासनिक सेवा की बारीकियों को समझा। 1 मई 2015 को वैभव श्रीवास्तव को मऊ का जिलाधिकारी बनाया गया, जहाँ सफलता पूर्वक पंचायत चुनाव करवाने की वजह से उन्हें सर्वश्रेष्ठ डीईओ के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वहां उन्होंने निर्मल तमस अभियान भी चलाया जो काफी सफल रहा। उन्हें स्कोच ऑर्डर ऑफ मेरिट अवॉर्ड भी मिला। 

वर्ष 2016 में वैभव श्रीवास्तव अंबेडकरनगर का जिलाधिकारी बनाया गया। उन्होंने अंबेडकरनगर में सरकारी स्कूलों के खस्ता हालात और शिक्षकों की लापरवाही के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की और सरकारी स्कूल में बेहतर पढ़ाई को सुनिश्चित करने के लिए शिक्षादूत नाम से एक मोबाइल एप्लिकेशन बेस कार्यक्रम शुरू किया। वर्तमान में प्रदेश सरकार का प्रेरणा कार्यक्रम भी इसी पर आधारित हैं। बतौर डीएम उन्होंने अंबेडकरनगर में निष्पक्ष विधानसभा चुनाव कराया और सर्वश्रेष्ठ डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर के पुरस्कार से नवाजे गये। बाद में वैभव श्रीवास्तव को गोरखपुर डेवल्पमेंट अथॉरिटी का वाइस चेयरमैन बनाकर भेजा गया, जहां उन्होंने विकास की प्रक्रिया को नयी गति दी। 

फरवरी 2019 में वैभव श्रीवास्तव को पीलीभीत का जिलाधिकारी बनाया गया। वहाँ उनके द्वारा शुरू किये गये पराली प्रबंधन योजना को राज्य सरकार रोल मॉडल के तौर पर सभी जिलों में लागू करने का प्रयास कर रही है। दूरदर्शी वैभव श्रीवास्तव ने जिले में जल संचयन और जल स्तर को बढ़ावा देने के लिए मात्र एक साल के कार्यकाल में जिले में करीब 1800 तालाब का निर्माण, पुनरुद्धार कार्य करवाया, जिससे पीलीभीत का भूजल स्तर पिछले दस साल के पुराने स्तर पर आ गया। कोरोना संक्रमण काल में पीलीभीत जिले  में इनके द्वारा किये जा रहे प्रयास और योजना को कारगर माना जा रहा है। गांवों और मुहल्लों में निगरानी समितियों का गठन कर प्रवासियों के आने की तत्काल सूचना, सैंपल जांच में तेजी, पॉजिटिव केस से सकारात्मक तरीके निपटने जैसे सफल प्रशासनिक प्रयासों को डीएम के तौर पर इनकी सफलता मानी जा रही है।

फेम इंडिया और एशिया पोस्ट द्वारा शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किये गए सर्वे में पीलीभीत के जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ‘दूरदर्शी’ श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।