आम जनों की सेवा हीं है प्रशासनिक सेवा का मकसद सुमिता देवरा
सुमिता देवरा अपने आदर्श और लक्ष्य के प्रति समर्पित महिला प्रशासनिक अधिकारी हैं । उन्होंने प्रशासनिक सेवा को समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों की समस्या को हल करने के लिए चुना । सुमिता के दरवाजे आम लोगों की समस्याओं को सुनने और हल करने
के लिए सदैव खुले रहते हैं । सुमिता की पारिवारिक पृष्टभूमि भी प्रशासनिक सेवा से जुड़ी रही हैं । उनके पिता आईएल देवरा भी के पंजाब डिप्टी प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पद पर थे और सुमिता देवरा के लिए उनके पिताजीने ही प्रशासनिक सेवा का लक्ष्य तय किया था जिसे उन्होंने
1991 बैच में हासिल किया । माता का जन्म 21 मार्च 1965 को पंजाब में हुआ । सुमिता दवरा पढ़ने में कुशाग्र बुद्धि की छात्रा रही हैं। उनकी पढ़ाई लिखाई पंजाब में हुई । उन्होंने पंजाब के अमतृसर से इकोनॉमिक्स में प्रथम श्रेणी में स्नातक किया। पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से
इकोनॉमिक्स में स्नातकोत्तर और एम फिल की डिग्री हासिल की । उन्होंने एमबीए पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से करने के बाद उन्होंंने पब्लिक पॉलिसी से ब्रिटेन के बर्मिंघम यूनिवर्सिटी से एमबीए की। 1991 में यूपीएससी की परीक्षामें सफलता मिलने के बाद सुमिता दे रा को आंध्रप्रदेश कैडर मिला । आईएएस सुमिता देवरा ने ट्रेनिंग के बाद पहली बार सीईओ पंचायती राज ईस्ट गोदावरी बनाई गई । इसके बाद उन्हें 1996 से 2000 के बीच वारंगल और कृष्णा जिले में ग्रामीणविकास विभाग में अंडर सेक्रेटरी का पद भार सौंपा गया जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। फिर उन्हें कृष्णा जिले में ही ग्रामिण विकास विभाग में डिप्टी सेक्रेटरी बनाया गया। प्रशासनिक अनुभव में विकास के साथ ही सुमिता देवरा को मई 2001 में जिला करीम नगर का कलक्टर और जिलाधिकारी बनाया गया। इस दौरान करीम नगर में कई समस्याएं थी, दसवीं के छात्रों में पढ़ाई छोड़ने का मामला काफी ज्यादा था, जिसपर उन्होंने काम किया । साथ ही पावरलमू बुनकर में खुदकुशी तेजी से बढ़ रही थी ऐसे में उन्होंने पंचायत स्तर लोगों से मिलकर काम करने की पहल की । इसस करीमनगर में काफी फायदा हुआ । सुमिता देवरा युवा मामलों और खेल विभाग हैंदराबाद में वाइस चेयरमनै और मैनेजिंग डायरेक्टर बनाई गई । साल 2006- 08 के बीच वे आंध्रा प्रदेश में ज्वाइंट सेक्रेटरी वित्त भी रहीं । प्रशासनिक अधिकारी सुमिता देवरा की अप्रैल 2008 में केंद्र में प्रतिनियुक्ति कर दी गई । इकॉनोमिक्स की बहेतरीन समझ होने की वजह से उन्हें केंद्र में मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस में डायरेक्टर के पद की जिम्मेदारी मिली। 20011 से 2014 तक वे विदेश में इकोनॉमिक्स अफेयर राजनयिक के पद पर रहीं। 2015 में वापस सुमिता को आंध्र प्रदेश भेज दिया गया। इस बार पॉलिसी प्लानिंग विभाग में उन्हें ज्वाइंट सेक्रेटरी का पद मिला लेकिन कुछ समय बाद वे राज्य में हायर एडुकेशन डिपार्टमेंट में प्रिंसिपल सेक्रेटरी बनाई गई । वे आंध्र प्रदेश में प्रिंसिपल सेक्रेटरी ट्रांसपोर्ट भी रह चुकी हैं। उनकी प्रशासनिक कौशल और लगन को दखे ते हुए एक बार फिर उन्हें केंद्र में भेजा गया। इस दरम्यान वे महिला बालविकास मंत्रालय , यूएन, ज्वाइंट सेक्रेटरी कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मंत्रालय में रही हैं और वर्तमान में अपर सचिव-उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग में कार्यरत हैं।