सूझबूझ के साथ लेखनी के भी धनी हैं के.श्रीनिवास
सूझबूझ के साथ लेखनी के भी धनी हैं के.श्रीनिवास

गुजरात कैडर के आईएएएस श्रीनिवास रामास्वामी कातिकिथाला उर्फ के श्रीनिवास को अध्ययनशील और कर्मठ अधिकारी माना जाता है। वे करीब दो वर्षों से देश भर के आईएएस अधिकारियों को नियंत्रित करने वाले विभाग डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग में बतौर ऐडिशनल सेक्रेटरी पदस्थापित हैं। उन्हें अधिकारियों को नियंत्रित करने का विशेषज्ञ माना जाता है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तो वे प्रदेश के पर्सनल विभाग के सचिव थे। उन्हें मोदी के करीबी अधिकारियों में माना जाता है। 12 जुलाई 1967 को हैदराबाद में जन्मे व पले-बढ़े के श्रीनिवास पढ़ाई में काफी तेज माने जाते रहे हैं। हैदराबाद युनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में ग्रैजुएशन करने के बाद उन्होंने गुलबर्गा युनिवर्सिटी से एलएलबी और गुंटूर के आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय से कॉन्सटिच्युनल लॉ में एलएलएम किया है। इसके अलावा उन्होंने हैदराबाद से ही इकोनॉमिक्स में डिसटिंक्शन के साथ डिप्लमा भी हासिल किया है। सेवा में आने के बाद उन्होंने नॉर्थ कैरोलीना के ड्यूक युनिवर्सिटी से इंटनैशनल डेवलपमेंट पॉलिसी में मास्टर्स डिग्री भी ली है। 1989 बैच में आईएएस में चयन के बाद पोरबंदर के असिसस्टेंट कलेक्टर के तौर पर नौकरी शुरू की थी। वे राजकोट, साबरकांठा और अहमदाबाद में प्रशासन की कमान संभाली और हाउसिंग, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण व मेडिकल एजुकेशन आदि विभागों से भी जुड़े रहे। वर्ष 2004 से 2009 तक वे गुजरात अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरशन के मैनेजिंग डायरेक्टर रहे। इस दौरान प्रदेश भर में कई महानगरों को योजनाबद्ध तरीके से बसाया गया। कहते हैं इस दौरान पूरे प्रदेश का जीर्णोद्धार हुआ और हर शहर किसी महानगर की तरह चमक-दमक से भर गया। वर्ष 2009 से 2012 तक वे सरदार सरोवर नर्मदा निगम के ज्वाइंट एमडी रहे।
वर्ष 2012 से 2015 तक वे गुजरात के पर्सनल विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रहे। वर्ष 2015 से 2017 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले तक वे रेवेन्यु विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी बनाये गये। वे वर्ष 2017 में प्रकाशित 'गुजरात के लैंड रेवेन्यु ऐडमिनिस्ट्रेशन का सारांश' नामक दस्तावेजी पुस्तक के प्रधान संपादक भी रहे। वे सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट के सचिव भी बने और इस दौरान सरदार पटेल से जुड़े दस्तावेजों को संकलित करने का कार्य किया। इस संकलन को सरदार पटेल के शताब्दी समारोह पर प्रकाशित किया गया था।