दूरगामी योजनाओं के कुशल रणनीतिकार हैं डिफेंस सेक्रेटरी डॉ.अजय कुमार

दूरगामी योजनाओं के कुशल रणनीतिकार हैं डिफेंस सेक्रेटरी डॉ.अजय कुमार

देश की रक्षा को आत्मनिर्भरता का संबल देते अजय कुमार 1985 बैच के केरल कैडर के  बेहद सुलझे हुए और सफल अधिकारी हैं। देश की आतंरिक और वाह्य सुरक्षा की अहमियत काफी ज्यादा होती है । ऐसे में देश को हर स्तर पर तैयार रहने की जरूरत है। इन मानकों को पूरा करने की जिम्मेदारी रक्षा मंत्रालय की होती है। जिसे देखते हुए रक्षा मंत्रालय रणनीति कौशल और क्षमतावान टीम बनाती है। रक्षा सचिव अजय कुमार इस दृष्टिकोण से बेहद सफल रहे हैं| 

डॉ अजय कुमार का जन्म 2 अक्टूबर, 1962 को उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। उन्होंने मिनिसोटा यूनिवर्सिटी से डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स में मास्टर ऑफ साइंस और मिनिसोटा यूनिवर्सिटी में कार्लसन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से बिजनेस ऐडमिनिस्ट्रेशन में पीएचडी भी की है। 

रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार प्रशासनिक स्तर पर काम के मामले में बेहद संवेदनशील और गंभीर व्यक्ति है। वे भारत के 39यें रक्षा सचिव हैं। इससे पहले वे रक्षा उत्पादन सचिव थे। विभिन्न हथियार प्रणालियों के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाने और वर्ष 2025 तक विश्व के टॉप 5 हथियार उत्पादक देशों में शामिल होने की दिशा में डिफेंस प्रोडक्शन पॉलिसी तैयार करना उनकी दूरदर्शी सोच का परिचायक है। उनके ही प्रयासों का परिणाम है कि आज कई नये हथियारों और तोपों की डिज़ाइन और डेवलपमेंट का काम भारत में होने लगा है और भारतीय कंपनियां ग्लोबल डिफेंस मार्केट को टक्कर देने की दिशा में अग्रसर हैं। उनकी प्रशासनिक कुशलता की वजह से ही भारतीय सेना और रक्षा मंत्रालय को संबल मिला है।  उन्होंने रक्षा उत्पाद के क्षेत्र में कई अहम काम किये हैं जो आने वाले समय में देश के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा।  
रक्षा सचिव अजय कुमार भारत में सबसे बड़े डिफेंस एक्सपो को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए भी सुर्खियों में रहे हैं। देश में डिफेंस एक्सपो के शानदार आयोजन का नतीजा है कि देश में रक्षा उत्पाद को और बढ़ावा मिल रहा है।  

 डॉ अजय कुमार लगभग 31 वर्षों से केरल व केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जब वे वर्ष 2010 में भारत सरकार के आईटी विभाग में बतौर एडिशनल सेक्रेटरी पहुंचे , तब ये टेलीकॉम मंत्रालय का हिस्सा था। उन्होंने सरकार से प्रस्ताव पास करवा कर अलग इलक्ट्रोनिक व आईटी मंत्रालय बनवाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। मेक इन इंडिया के दौरान भारत में मोबाइल फोन से लेकर अन्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के निर्माण को बढावा देने वाली नीतियों का मसौदा उन्होंने ही तैयार किया था। उन्होंने माय गांव, प्रगति, जीवन प्रमाण, नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल, सरकारी विभागों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस जैसे कई महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों को सफल बनाने में अहम रोल अदा किया है। डॉ.अजय कुमार ने केरल में उद्योगों व आईटी उपक्रमों के विकास में काफी योगदान दिया है। प्रदेश में गैर परंपरागत ऊर्जा के विकास में भी उनकी अहम भूमिका रही। 

डॉ अजय कुमार के कम्युनिकेशन एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के कई रिसर्च पेपर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हो चुके हैं। अपने स्कूल के दिनों में डॉ अजय कुमार भारत के राष्ट्रपति के हाथों स्काउटिंग के सर्वोच्च पुरस्कार सिल्वर एलीफैंट मेडल से भी सम्मानित हो चुके हैं।

शानदार गवर्नेंस, गंभीरता और व्यवहार कुशलता, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच,जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, जैसे मुख्य बिंदुओं पर किए गए फेम इंडिया मैगजीन - एशिया पोस्ट के वार्षिक सर्वे असरदार ब्यूरोक्रैट्स 2021 में विलक्षण श्रेणी में रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार प्रमुख  स्थान पर हैं।