अहम फैसले लेने की प्रशंसनीय क्षमता वाले जिलाधिकारी अनंत लाल ज्ञानी
इनके शुरु किये कार्यक्रम अभ्योदय को प्रदेश सरकार ने रोल मॉडल बनाकर अन्य जिलों में भी लागू किया है।
स्वभाव से हंसमुख, लेकिन कार्य के लिए प्रतिबद्ध और विकास में योगदान सुनिश्चित करने वाले अनंत लाल ज्ञानी अहम फैसले लेने में ज्यादा समय नही लगाते। डेवलपमेंट के कार्यों में किसी भी तरह की देरी को अन्याय मानने वाले अनंत लाल ज्ञानी वर्तमान में असम के धुबरी जिले के कलेक्टर हैं। उनकी कार्यशैली इतनी पारदर्शी और लोकोन्मुख है कि आमलोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय होने में उन्हें जरा भी समय नहीं लगता।
अनंत लाल ज्ञानी का जन्म 1 मार्च 1981 को बिहार के नवादा जिले में हुआ। उनके माता-पिता दोनों ही शिक्षक थे। उन्होंने नवादा के गांधी इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट करने के बाद मगध विश्वविद्यालय से रसायन शास्त्र में स्नातक किया और इसके बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की। उन्होंने 2011 बैच में कामयाबी हासिल की और उन्हें असम-मेघालय कैडर मिला। मध्यमवर्गीय परिवार से आने के कारण वे आम लोगों की परेशानियों से भलीभाँति परिचित हैं।
प्रशिक्षु अधिकारी के तौर पर उन्होंने कई अहम दायित्वों का निर्वहन किया। उनके उत्कृष्ट कार्य-कौशल को देखते हुए उन्हें असम के नलबाड़ी जिले का डिप्टी कमिश्नर बनाया गया। जिले के डेवलपमेंट के प्रयास की सराहना हुई, यहाँ उन्होंने शिक्षा, रोजगार व स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में अच्छा कार्य किया और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दिया।
इसके बाद अनंत लाल ज्ञानी को धुबरी जिले की कमान दी गयी, जहाँ उन्होंने जिले के विकास के लिए एक से एक प्रयोग शुरू किये। "अभ्योदय" उनमें से एक है। यह एक क्लासरूम प्रोग्राम है, जिसमें ऑडियो विजुअल के माध्यम से छात्रों की पढ़ाई करवाई जाती है। अभ्योदय काफी पॉपुलर शिक्षण कार्यक्रम साबित हुआ। नीति आयोग ने धुबरी जिले को शिक्षा के क्षेत्र में पूरे नॉर्थ ईस्ट में सर्वश्रेष्ठ परफॉर्मेंस के लिये रिवार्ड दिया। राज्य सरकार ने शिक्षा के इस प्रोग्राम को रोल मॉडल के तौर पर लिया और अनंत लाल ज्ञानी को सराहना मिली। उन्होंने जिले में शिक्षा के अलावा पर्यावरण, स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये।
धुबरी में स्वच्छता मिशन के तहत घर घर से कचरे को उठाने के अभियान की शुरुआत हो या स्टोन क्रशर मशीन को बंद करके प्रदूषण रोकने और माफियाओं पर लगाम लगाने का प्रयास, अनंत लाल ज्ञानी हर मोर्चे पर निडरता से निर्णय लेने को लेकर मशहूर है। लोकसभा चुनाव में भी उनके काम की तारीफ हुई। उन्होंने अंधेरे में डूबे गांवों में उजाला फैलाने के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत सोलर पॉवर ग्रिड लगवाया जो वाकई चुनौतीपूर्ण कार्य था। कार्य पूरा हुआ और ग्राम स्वराज अभियान के तहत इसे पहचान मिली। धुबरी जिले के ओवरऑल परफॉर्मेंस को भी नीति आयोग ने विशेष तौर पर सराहा है। आयुष्मान भारत में इस जिले के 85 प्रतिशत लोगों को कवर करने के लिए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने विशेष प्रशंसा की है। पोषण अभियान में भी धुबरी ने राज्य में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए दो पुरस्कार प्राप्त किये। नलबाड़ी और धुबरी दोनों ही जिलों को शत प्रतिशत खुले में शौच से मुक्ति दिलाने में कामयाबी मिली और पुरस्कृत भी हुए। धुबरी में कोरोना नियंत्रण के लिए इनके नेतृत्व में जिला प्रशासन सख्ती से कार्य कर रहा है। फिलहाल धुबरी में उपायुक्त अनंत लाल ज्ञानी के प्रशंसनीय प्रयास से विकास में तेजी आयी और लोगों को सरकारी योजनाओं का भरपूर लाभ मिल रहा है।
फेम इंडिया और एशिया पोस्ट द्वारा शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किये गये सर्वे में असम के धुबरी के उपायुक्त अनंत लाल ज्ञानी 'प्रशंसनीय' श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।