सादगी ने बनाया स्वाति एस भदौरिया को उम्दा जिलाधिकारी

स्वाति एस भदौरिया नाम है एक ऐसी शख्सियत का जिन्हें कर्तव्यनिष्ठा और सादगी की वजह से उम्दा प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर जाना जाता है। वे जरूरतमंदों के विकास को देश की तरक्की से जोड़कर देखती हैं और यही कारण है कि सामाजिक दूरियों को पाटने में बढ़-चढ़कर काम करने में विश्वास रखती हैं।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की रहने वाली स्वाति श्रीवास्तव का परिवार शिक्षा से जुड़ा रहा है। उनकी स्कूली शिक्षा गोरखपुर के लिटिल फ्लॉवर स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने लखनऊ के आईईटी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशंस इंजीनियरिंग में बीटेक (ऑनर्स) किया। वहां से निकलने के बाद उनका चयन भारतीय रिजर्व बैंक के लिये हो गया, जहां उन्होंने छह महीने काम भी किया। 2012 में आईएएस में चुने जाने के बाद स्वाति श्रीवास्तव को छतीसगढ़ कैडर मिला। वहां सब-डिवीजन मजिस्ट्रेट, डोंगरगांव और सरायपाली में रही।
स्वाति की शादी नितिन भदौरिया से हुई जो 2011 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और उत्तराखंड में पोस्टेड हैं। विवाह के बाद स्वाति 2015 में उत्तराखंड कैडर में चली गयीं, जहाँ उप-मंडल मजिस्ट्रेट, मसूरी और देहरादून के रूप में उनका बेहद सफल कार्यकाल रहा। दिलचस्प बात यह है कि अलग-अलग कास्ट से होने के बावजूद ये एक अरेंज्ड मैरिज रहा क्योंकि रिश्ते से पहले दोनों एक दूसरे से मिले तक नहीं थे।
उत्तराखंड सरकार के अधिकारी के तौर पर वे सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यमों के विभागों में अतिरिक्त सचिव के साथ एडिशनल सीईओ, उत्तराखंड खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के पदों पर रही और अपनी उत्कृष्ट कार्यशैली से एक अलग पहचान बनायी। स्वाति हरिद्वार में मुख्य विकास अधिकारी के पद पर भी रह चुकी हैं।
जुलाई 2018 में चमौली जिले की जिलाधिकारी बनीं। बतौर जिलाधिकारी उन्होंने सादगी और ईमानदारी से अपने प्रशासनिक कार्यों को बखूबी निभाया है। चमौली में डीएम रहते हुए उन्होंने अपने बेटे का एडमिशन आंगनबाड़ी सेंटर में कराकर एक मिसाल पेश की। उनका इस बारे में मानना था कि जब सरकार तमाम सुविधा दे रही है तो बच्चे को महंगे स्कूल में भेजने की क्या जरूरत है? इससे समाज में एक अच्छा संदेश गया और बढ़िया वातावरण बना। वे हर किसी को मदद करने की कोशिश में रहती हैं। अपने सरकारी आवास पर कार्यरत एक नौजवान को राज्य स्तर का गायक बनने का अवसर देकर वे देश भर में काफी चर्चित रही हैं।
स्वाति एस भदौरिया को उम्दा बनाने के पीछे उनकी सोच है जिसके तहत उन्होंने जरूरतमंदों और आमलोगों के लिए कई अहम प्रोजेक्ट शुरू की है। ये खास प्रोजेक्ट्स हैं-बचपन ( बच्चों की प्रगति और पोषण के लिए बेहतर आंगनबाड़ी)। उन्होंने पंच बद्री प्रसादम परियोजना की भी शुरुआत करवायी जिसके तहत वहां के लोग तुलसी, स्थानीय जड़ी-बूटियों की धूप, अखरोट, चौलाई के लड्डू, सरस्वती और कैलाश मानसरोवर का जल एक सरकारी व्यवस्था के तहत तैयार करते हैं। इससे स्थानीय लोगों को आजीविका मिल रही है और उनके जीवन स्तर में भी सुधार हो रहा है।
स्वाति एस भदौरिया ने राजकीय इंटर कॉलेजों में स्मार्ट क्लास की शुरुआत करवायी है। आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए प्रेरणा नि:शुल्क कोचिंग क्लास भी उनकी पहल का ही नतीजा है। स्थानीय उपज को बढ़ावा देने के लिए संडे बाजार और बागवानी आउटलेट का विकास करना उनकी विकासवादी सोच का अहम हिस्सा माना जा रहा है।
जिले में एंडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने और नये पर्यटन स्थलों का विकास करना उनकी दूरदर्शी सोच को दर्शाता है। फेम इंडिया और एशिया पोस्ट द्वारा शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किये गए सर्वे में चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया "उम्दा" श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।