सपनों को पूरा करने वाले व्यवसायी हैं गौतम अडानी

भारत के टॉप व्यापारियों में से एक गौतम अडानी का बिजनेस कई देशों में फैला है। गुजरात के एक निम्न मध्यमवर्गीय जैन परिवार में जन्मे और कभी दोस्तों के स्कूटर पर पीछे बैठे देखे जाने वाले गौतम अडानी आज एअरपोर्ट जाने के लिए अपना हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करते हैं। उनके पास हेलिकॉप्टर, बौम्बार्डियर और बीचक्राफ्ट विमान हैं। गौतम अडानी एक स्वनिर्मित अरबपति हैं जो अडानी समूह के अध्यक्ष हैं। अडानी समूह का कारोबार कोयला व्यापार, कोयला खनन, तेल एवं गैस खोज, बंदरगाहों, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक, एनर्जी और गैस वितरण के साथ रक्षा के क्षेत्र में फैला है।
गौतम अडानी का बचपन गरीबी में बीता है। उनके पिता शांतिलाल अडानी जब थराद से अहमदाबाद शिफ्ट हुए थे, तब वे पोल इलाके की सेठ की चॉल में रहते थे। इसी चॉल में गौतम अडानी और उनके छह भाई-बहनों का बचपन व्यतीत हुआ। आर्थिक तंगी की वजह से उनकी बी कॉम की पढ़ाई पूरी ना हो पायी, लेकिन परिस्थितियों से हार ना मानने वाले गौतम रोजी-रोटी के लिए मुंबई चले गये। एक डायमंड कंपनी में मामूली तनख्वाह पर नौकरी की, लेकिन गौतम अडानी ने परिवार को बुरे दौर से बाहर निकालने के लिए एक सपना देखा था। इसी सपने को साकार करने के लिए 20 साल की उम्र में हीरे का ब्रोकरेज आउटफिट खोला। यहीं से किस्मत ने करवट ली। अगले ही साल अडानी के आउटलेट का टर्नओवर लाखों का हो गया। अब फिर एक बदलाव की बारी थी। अपने भाई मनसुखलाल के कहने पर उन्होंने अहमदाबाद की एक प्लास्टिक फैक्ट्री में काम किया। वहां जो कुछ भी ट्रेनिंग ली थी उसी की बदौलत पीवीसी पाइप्स के इंपोर्ट को शुरू किया और काफी सफलता हासिल की। गौतम अडानी ने 1988 में एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज की स्थापना की। इसके बाद उनका बिजनेस का साम्राज्य बढ़ता गया और उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नही देखा। उनकी पत्नी का नाम प्रीति है और वह पेशे से डेंटिस्ट थीं। अब वे अडानी फाउंडेशन की मुख्य कर्ताधर्ता हैं।
गौतम अडानी एक ऐसे इंसान हैं जो कभी परेशानियों से मुंह नहीं मोड़ते। वे संघर्ष को सफलता का माध्यम मानते हैं। इसी वजह से वे फर्श से अर्श पर पहुंचने वाले कामयाब अरबपति हैं। उनका कारोबार डायमंड ब्रोकरेज से कोयला, खनन, तेल, एनर्जी, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक तक पहुंच गया है। इतना ही नही अडानी ग्रुप का बिजनेस विदेशों में भी फैला है। ऑस्ट्रेलिया के क्वीन्सलैंड में सबसे बड़ी 16.6 अरब डॉलर की लागत वाली कोयला खदान से खनन का अवसर मिला, लेकिन पर्यावरणविद् के सवाल उठाने पर प्रोजेक्ट विवादों में घिर गया। इसके लिए उन्हें ऑस्ट्रेलिया सरकार ने करीब एक अरब डॉलर का कर्ज दिया। नौ साल के इंतजार के बाद 2019 में खनन का काम शुरू हुआ । 2020 में गौतम अडानी ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन में 6 बिलियन डॉलर की बोली लगायी। साथ ही आठ हजार मेगावाट फोटोवोल्टिक पावर प्लांट पर भी काम कर रहे हैं ।
गौतम अडानी पहली पीढ़ी के इंटरप्रेन्योर हैं। उन्हें सफलता आसानी से हासिल नहीं हुई है। इसके पीछे उनका समर्पण, त्याग और ईमानदारी है। 5 लाख से बिजनेस की दुनिया में कदम रखने वाले गौतम अडानी फिलहाल पोर्ट्स टायकून के नाम से जाने जाते हैं । उनकी संपति 14 अरब डॉलर हैं । लेकिन वे अपने पुराने दिनों को नहीं भूलते और शेठ की चॉल पर अपने पुराने दोस्तों से मिलने जरूर जाते हैं और वहां जरूरतमंदों की सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते। उन्हें फेम इंडिया मैगजीन-एशिया पोस्ट सर्वे के 50 प्रभावशाली व्यक्ति 2020 की सूची में 33वां स्थान मिला है।