शानदार गवर्नेंस व दूरदर्शी निर्णयों से चर्चित कलेक्टर बने प्रिंस धवन

नॉर्थ ईस्ट में पहली बार किसी डीसी ऑफिस को पेपरलेस बनाकर जीता नैशनल ई गवर्नेंस अवॉर्ड

शानदार गवर्नेंस व दूरदर्शी निर्णयों से चर्चित कलेक्टर बने प्रिंस धवन

ईटानगर हो या लोहित, आईआईटी से एम टेक टेक्नोक्रैट ने जिले के विकास के लिए कई ऐसे निर्णय किये, जिससे एक ओर जिलों की स्थिति सुधरी वहीं इस युवा अधिकारी की चर्चा सब ओर हो रही है। प्रिंस धवन ऐसे जिलाधिकारी हैं जो जहां भी रहे विकास की नयी ईबारत लिखते रहे। 
मात्र 23 साल की उम्र में यूपीएससी की परिक्षा में तीसरे रैंक हासिल करने वाले प्रिंस 2012 बैच के एजीएमयूटी कैडर के आईएएस हैं।   

चंडीगढ़ के  प्रिंस धवन के पिता इंडियन रेवन्यू सर्विस में थे। उनकी स्कूलिंग देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई। उन्होंने इंदौर से 12वीं करने के बाद आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक और फिर इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में एमटेक भी किया। प्रशासनिक सेवा का विचार उनके मन में  इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान आया। माता-पिता को अपना आदर्श मानने वाले प्रिंस ने सिविल सर्विस के लिए जबरदस्त मेहनत की और पहली ही कोशिश में उन्होंने 2012 बैच में यूपीएससी में कामयाबी हासिल की, जिसमें उनका रैंक तीसरा रहा। 

ट्रेनिंग के बाद प्रिंस धवन चंडीगढ़ में एसडीएम और लैंड एक्वीजिशन ऑफिसर के तौर पर सुर्खियों में रहे। इसके बाद उन्हें अरूणाचल प्रदेश में आईटी डिपार्टमेंट का स्पेशल सेक्रेटरी बनाया गया। उनके नेतृत्त्व में विभाग को बेस्ट परफॉर्मिंग डिपार्टमेंट का अवॉर्ड मिला।

उनकी क्षमताओं को देख कर उन्हें प्रदेश की राजधानी ईटानगर के डीसी की जिम्मेदारी दी गयी। उन्होंने अपना प्रशासनिक कौशल को दिखाते हुए ईटानगर को स्मार्ट सिटी बनाने की पहल की। उन्होंने जिले में स्वच्छता मिशन, पब्लिक सैनिटेशन , सुरक्षा , डिजिटल पेमेंट सिस्टम और इकोनॉमिक डेवलपमेंट पर विशेष जोर दिया। पूरे नॉर्थ ईस्ट में पहली बार किसी डीसी ऑफिस को पेपरलेस बनाने के लिये उन्हें नैशनल ई गवर्नेंस अवॉर्ड मिला। स्कोच ऑर्डर ऑफ मेरिट अवॉर्ड भी मिला।

जिले के लोगों की आर्थिक मजबूती के लिए उन्होंने बांस की खेती को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभायी। ईटानगर के अरुणाचल प्रदेश की राजधानी होने की वजह से वहाँ की लॉ एंड आर्डर को व्यवस्थित करने के लिए बतौर डिप्टी कमिश्नर प्रिंस धवन ने कई अहम निर्णय लिये। उन्हें अरुणाचल सरकार से उत्कृष्ट डिप्टी कमिश्नर चुन कर गोल्ड मैडल भी प्रदान किया गया।

मार्च 2019 में प्रिंस धवन को अरुणाचल प्रदेश के लोहित जिले का डिप्टी कमिश्नर बनाया गया। वहाँ भी उन्होंने लॉ एंड ऑर्डर के सुधार को प्राथमिकता दी और जिले में पारदर्शी कार्य संस्कृति और सर्विलांस बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने जिले में ऑर्गेनिक चाय की खेती की संभावना को देखते हुए उसे बढ़ावा दिया। लोहित को वे हर तरह से अरूणाचल के बेस्ट डिस्ट्रिक्ट में शामिल करने का प्रयास कर रहे हैं। कोविड -19 कोरोना संकट के इस समय वे जिले को संक्रमण से बचाने का सतर्कता के साथ प्रयास कर रहे हैं। साथ ही लोहित जिले मे हॉर्टिकल्चर को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे आम जन को मंदी के दौर में भी आर्थिक संबल मिल सके। 

फेम इंडिया और एशिया पोस्ट द्वारा  शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किये गये सर्वे में  लोहित के जिलाधिकारी  प्रिंस धवन  "चर्चित " श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।