कोरोना से जंग में अग्रणी भारतीय महिला शक्ति प्रिया अब्राहम
नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे की निदेशक प्रिया अब्राहम कोरोना से जंग में भारतीय महिला शक्ति में अग्रणी हैं। उन्होंने जानलेवा वायरस पर गहन अध्ययन किया और साबित कर दिया कि हालात कितने भी मुश्किल क्यों ना हो सकारात्मक साइंटिफिक रिसर्च से हर बाधा को दूर किया जा सकता है। ऐसे में उन्होंने कोरोना वायरस को बेहतर तरीके से समझने और उसका इलाज खोजने की कोशिश को फाइनल स्टेज तक पहुंचा दिया है।
प्रिया अब्राहम केरल के कोट्टायम की हैं । शुरू से ही उनकी रुझान साइंस में रही है। उन्होंने वेल्लोर में क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस, एमडी (मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी) और पीएचडी की हैं। डॉ प्रिया मेहनती और दायित्व के प्रति समर्पित हैं । वे रॉयल कॉलेज ऑफ पैथोलॉजिस्ट और रॉयल सोसाइटी ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड हाइजीन की सहयोगी हैं।
डॉ प्रिया सीएमसी वेल्लोर में क्लिनिकल वायरोलॉजी विभाग की प्रमुख भी रह चुकी हैं। कोरोना काल में उन्होंने अपना पूरा समय इस वैश्विक महामारी के रिसर्च में लगाया है। इस दौरान वे कई कई दिनों तक अपने परिवार से भी बात नहीं कर पायीं। कोरोना संक्रमण के शुरुआती दिनों में देश में एनआईवी कोविड-19 के परीक्षण का एकमात्र परीक्षण केंद्र था। ऐसे में प्रिया की जवाबदेही और बढ़ गयी थी। उन्होंने कोरोना मामलों में वृद्धि को देखते हुए एनआईवी की क्षमता को बढ़ाया और कोविड-19 के नमूनों के परीक्षण का समय कम करने में सफलता पायी। प्रिया अब्राहम के नेतृत्व में, एनआईवी ने कई प्रयोगशालाओं के नेटवर्क को तमाम सुविधाएं मुहैया करायी। आज उनकी टीम की मेहनत की वजह से कोरोना की दवा और वैक्सीन तैयार हो रहे हैं, जिनका ट्रायल करीब-करीब पूरा हो चुका है। डॉ. प्रिया अब्राहम करीब 6 महीने पहले ही नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे में निदेशक बनायी गयी हैं। उन्होंने अपने कुशल नेतृत्व से कोरोना को मात देने में काफी हद तक कामयाबी हासिल कर ली है। चंद दिनों में कोरोना का वैक्सीन आने ही वाला है।
डॉ प्रिया अब्राहम विनम्र महिला हैं। उन्हें लैब में सैंपल को मॉनिटर करना बेहद पसंद हैं। डॉ प्रिया अब्रहाम 2012 में डब्ल्यूएचओ के दिशा निर्देश में हेपेटाइटिस और एचआईवी पर हुई बैठक की प्रमुख सदस्य रही हैं। वर्ष 2017 में उन्होंने हेपेटाइटिस परीक्षण पर म्यांमार में डब्ल्यूएचओ के सलाहकार के रूप में कार्य किया। डॉ. प्रिया अब्राहम अपनी टीम पर भरोसा करती हैं और वायरोलॉजी के क्षेत्र में महिलाओं को आगे बढने के लिए प्रेरित करने के लिए भी जानी जाती हैं। इस वैश्विक महामारी के समय डॉ प्रिया अब्राहम के कार्यो की जितनी सराहना की जाये कम है।