देश के लिए कुछ करने की भावना से आईएएस बने रजत बंसल

वे जहां भी रहे विकास की नयी बहार बहा रहे हैं

देश के लिए कुछ करने की भावना से आईएएस बने रजत बंसल

हालांकि आईएएस में चयन से पहले सभी उम्मीदवार समज के बदलने की बातें कहते हैं, लेकिन कम ही जिलाधिकारी ऐसे लगनशील होते हैं जो अपने इरादों को वर्षों तक बनाये रख पाते हैं। ऐसे ही एक जिलाधिकारी हैं रजत बंसल जिन्होंने ये साबित कर दिया कि अगर ठान लें तो समाज कों भी बदला जा सकता है। ये उनकी लगन और मेनत का ही नतीजा है कि वे जहां भी रहे विकास की नयी बहार बहा रहे हैं।

मूल रूप से हरियाणा निवासी रजत बंसल के परिवार में पढ़ाई की प्रधानता रही है। उनके पिता इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में थे। शुरुआती पढ़ाई ला मार्टीनियर स्कूल लखनऊ में हुई। स्कूलिंग दिल्ली के डीपीएस आरके पुरम से हुई। उन्होंने 2009 में बिट्स-पिलानी से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के दरम्यान 2008 में वे कॉलेज की तरफ से 6 महीने के लिये फ्रांस में एक ट्रेनिंग प्रोग्राम में गये जिसमें उन्हें वजीफा भी मिला। फ्रांस से लौटकर बीई पूरी की। उन्होंने 2009 से अप्रैल 2011 तक इंफोसिस पुणे में जूनियर रिसर्च एसोसिएट के तौर पर कार्यरत रहे। 
 
इंफोसिस में नौकरी के दौरान ही रजत बंसल ने आईएएस बनने के लिये सिविल सर्विसेज की परीक्षा में हिस्सा लिया। पहले ही प्रयास में 168वीं रैंक आने पर उनका चयन आईपीएस में हो गया और वेस्ट बंगाल कैड़र मिला, लेकिन उन्होंने ठान लिया था कि आईएएस ही बनना है। लिहाजा दूसरे प्रयास में बुलंद इरादे से एक्जाम मे एपियर हुए और आईएएस के लिये चुन लिये गये।  

2012 बैच के आईएएस अधिकारी रजत बंसल को छतीसगढ़ कैडर मिला। मृदुभाषी स्वभाव के रजत बंसल की पहली पोस्टिंग रायगढ़ में असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर हुई। इस दौरान उन्होंने विधानसभा और लोकसभा चुनाव को सही तरीके से कराया, जिससे उनकी जमकर तारीफ हुई।
इसके बाद अगस्त 2014 से 2015 तक राजनंदगांव के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट बनाये गये। नक्सल प्रभावित इलाका होने के बावजूद उन्होंने दिन-रात एक कर लोगों के बीच रहकर उनकी समस्याओं को समझा और विकास पर जोर दिया। जरूरतमंदों को हर सरकारी सुविधा मुहैया करायी। इसके बाद वे सूरजपुर जिले में जिला पंचायत के सीईओ बनाये गये। उन्होंने वहां विकास कार्यों को नयी गति दी। 

अपने ब्यूरोक्रेसी के सफर के अगले पड़ाव में जून 2016 से फरवरी 2019 तक प्रदेश की राजधानी रायपुर में नगर निगम आयुक्त के पद पर रहे। इस नगर को स्मार्ट सिटी बनाने में पूरी लगन से कार्य किया। उन्होंने ‘मोर रायपुर मोर जिम्मेदारी’ का स्लोगन दिया जो वहां के लोगों को काफी पसंद आया। रजत बंसल ने  स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट के मद्देनजर इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट फंड के लिये ताईवान में आयोजित कार्यशाला में भाग लिया। इसमें करीब 25 देशों के 30 लोगों ने शिरकत की। इसके साथ 2017 नवंबर में स्पेन के बार्सिलोना में आयोजित स्मार्ट सिटी एक्सपो वर्ल्ड कांग्रेस में भी रजत बंसल ने भाग लिया और इसमें वे मुख्य वक्ता रहे।

फरवरी 2019 में धमतरी के जिलाधिकारी बने  पद भार ग्रहण करने के बाद रजत बंसल ने जिले को डेंगू मुक्त करने की ठान ली और स्वास्थ्य विभाग को रोकथाम के लिए निर्देश दिये। विभाग के कर्मचारियों ने घर-घर जाकर लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरुक किया और काफी हद तक सफलता मिली। प्रशासनिक स्तर पर काम सुचारू और समय से हो इसके लिए धमतरी में पहली बार बायोमीट्रिक सिस्टम हर दफ्तर में लगाया गया है। इसके साथ धमतरी में वायुसेना में बहाली के लिए व्यवस्था को दुरुस्त किया। 

वर्तमान में लॉकडाउन के दौरान ही रजत बंसल बस्तर के डीएम बनाये गये हैं।  कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में उत्पन्न स्थिति को सफलतापूर्वक संभालने के लिये उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों और आम जनता से काफी प्रशंसा मिली। वे आम लोगों में जागरूकता फैलाने के लिये मिशन के तौर पर काम कर रहे हैं। सभी क्वारंटाइन सेंटरों की विशेष निगरानी की जा रही है। जिलाधिकारी रजत बंसल का कहना है कि पद के बजाए आदमी को आदमी की तरह समझने और भावनाओं का कद्र करके समस्या का समाधान तेजी से किया जा सकता है।

डीएम रजत बंसल के कार्यों की उपलब्धि ये भी रही है कि रायपुर में ‘कचरा महोत्सव’ आयोजित करने के लिए पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में उनकी तारीफ की। पीएम मोदी ने स्वच्छता के लिए डीएम के आइडिया को इनोवेटिव बताते हुए ‘मन की बात’ में शेयर किया। फेम इंडिया मैगजीन व एशिया पोस्ट द्वारा शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किये गए सर्वे में  बस्तर के जिलाधिकारी रजत बंसल "लगनशील" श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।