लोगों की अच्छी सेवा है प्रभावशाली जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन का मकसद

दूरदर्शिता और बेहतर कार्यों के बदौलत अपनी पहचान बना चुके हैं के विजयेंद्र पांडियन

 लोगों की अच्छी सेवा है प्रभावशाली जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन का मकसद

वैसे तो तमाम जिलाधिकारी अपनी प्रशासनिक जवावदेही के प्रति सजग रहते हैं, लेकिन इन्हीं में से कुछ इसपर अपना विशेष प्रभाव दिखा कर लोगों का दिल जीत लेते हैं। ऐसे ही अधिकारी हैं गोरखपुर के जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन जो अपनी विशेष कार्यशैली के लिये जाने जाते हैं। इनके कार्यों से खुद सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इतने प्रभावित हैं कि उन्होंने इन्हें अपने गृह जिले की कमान सौंप रखी है। उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया भी है औऱ यही कारण है कि वे जिले की आवाम के बीच काफी लोकप्रिय हैं। 

18 जुलाई 1981 को तमिलनाडु के मदुरै में जन्मे के विजयेंद्र पांडियन ने बीबीए और एलएलबी की डिग्री हासिल की है। वर्ष 2008 में आईएएस की सेवा में चुने गये। वे हमेशा यहीं चाहते हैं कि लोगों को अच्छी सेवा मिले। उनकी यही सोच उन्हें प्रशासनिक सेवा में लेकर आयी। इनकी धर्मपत्नी डॉक्टर शक्ति रत्ना मदुरै में रहती हैं। पत्नी शक्ति ही के. विजयेंद्र पांडियन की सोर्स ऑफ इंस्पिरेशन हैं।

विजयेंद्र पांडियन की पहली पोस्टिंग ज्वाइंट मजिस्ट्रेट इटावा के पद पर हुई। वहां करीब 11 महीने ब्यूरोक्रेसी की बारीकियों को सीखने के बाद उनका ट्रांसफर चंदौली  हो गया जहां वे चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर के पद पर रहे और अपने दायित्वों को बेहतरीन तरीके से निभाया। अपनी दूरदर्शिता और बेहतर कार्यों के बदौलत अपनी पहचान बना चुके के विजयेंद्र पांडियन को इसके बाद बलिया जिला का कलेक्टर बनाया गया। करीब चार महीने बाद ही उनका ट्रांसफर कानपुर देहात कर दिया गया। वहां से भी छह महीने के कार्यकाल में उन्होंने प्रशासनिक सुधार औऱ विकास पर जोर दिया। उनकी कार्यशैली को देखते हुए वर्ष 2013 में उन्हें बलरामपुर का डीएम बनाया गया। लगभग एक साल में उन्होंने जो प्रसाशनिक सुधार किये उनसे इनकी गिनती उम्दा प्रशासकों में होने लगी।

के. विजयेंद्र पांडियान को इसके बाद उन्हें कई अहम पदों की जिम्मेदारियां मिलीं, जिनमें स्पेशल सेक्रेटरी यूपी पंचायती राज, एडिशनल चीफ इलेक्शन ऑफिसर और स्पेशल सेक्रेटरी इलेक्शन डिपार्टमेंट यूपी, एडिशनल एमडी यूपीएसआरटीसी , डीएम एंड कलेक्टर कासगंज, मैनेजिंग डायरेक्टर एस सी फाइनेंस डेवल्पमेंट कॉरपोरेशन अहम हैं। इन पोस्टिंग्स के दौरान वे ज्यादातर समय प्रदेश के मुख्यालय लखनऊ में रहे और दायित्वों को जवाबदेही के साथ निभाया। इसके बाद  मई 2017 में इन्हें कानपुर डेवल्पमेंट ऑथिरिटी का वाइस चेयरमैन बनाया गया। मार्च 2018 तक वे कानपुर में रहे और इस दौरान अपनी तेज कार्यप्रणाली के लिए जाने गये। कानपुर में उन्होंने कई अत्याधुनिक कॉलोनियां और फ्लैट विकसित किये हैं। उनकी कोशिश रहती है कि पूरे देश में जहां भी अच्छी चीजें उपलब्ध हैं उनका फायदा हर किसी को मिले। इसके लिए वो हर स्तर पर प्रयास करते हैं और अपने बैचमेट्स से सलाह-मशविरा भी करते हैं। 

मार्च 2018 में के. विजयेंद्र पांडियन यूपी के हाईप्रोफाइल जिले गोरखपुर के डीएम बनाये गये। उन्होंने जन समस्याओं को तेजी से निपटाया और राज्य सरकार की योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने के कार्यों में तेजी लाये। दरअसल हमेशा उनका फोकस केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने में रहता है। कोरोना संकट में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के. विजयेंद्र पांडियन के काम की जमकर तारीफ हो रही है। वे कोरोना महामारी पर मदुरै में रहने वाली अपनी चिकित्सक पत्नी शक्ति रत्ना से भी राय लेते रहे और इसे गोरखपुर वासियों की बेहतर सेहत लिए इस्तेमाल में लाते रहे। साथ ही कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉक़डाउन लगने से चार दिन पहले ही गोरखपुर जिले में सख्ती बरतनी शुरू कर दी गयी। विदेशों से गोरखपुर पहुंचे करीब 1600 लोगों की पहचान कर क्वारंटाइन में रखा गया। लॉकडाउन में केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलांइस को सख्ती से पालन करवाया। लॉकडाउन 3.0 में भी कोरोना पर काबू करने के मकसद से  विशेष छूट नहीं दिया। इतना ही नहीं, बतौर जिलाधिकारी उन्होंने अपने जिले की परिस्थितियों के मुताबिक निर्णय लिया। लॉकडाउन में कोई भूखा ना रहे इसके लिए कम्युनिटी किचन की भी व्यवस्था की गयी।

लॉकडाउन के दौरान गोरखपुर में दूध और जरूरी सामानों की होम डिलीवरी मॉडल की खूब चर्चा हो रही है । इसे जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री कार्यालय ने होम डिलीवरी मॉडल के प्रजेंटेशन को मंगवाया है और पूछा है कि इससे गोरखपुर प्रशासन को कितना लाभ पहुंचा है। शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किये गए सर्वे में  गोरखपुर के जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियान "प्रभावशाली" श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।